Pages

Wednesday, March 20, 2013

तुम्हारे लिए सबको छोड़ दूँगा किन्तु तुम्हें नहीं छोड़ूँगा?

जो माता पिता का ही  न हो सका हो वह किसी और का क्या होगा ?

    जिन्होंने किसी एक लड़की या लड़के के लिए अपने माता पिता एवं स्वजनों को छोड़ा हो वे  मूत्रता गर्भित  मित्रता कितने दिन निभा पाएँगे ?

      जिन्होंने जन्म दिया पालन पोषण किया और आज तक सुख दुःख में साथ खड़े हैं ऐसे निस्वार्थ प्रेम करने वाले माता पिता का जो न हो सका हो

   जो अपने माता पिता एवं स्वजनों की आशाओं पर खरे  न उतर सके हों 

   जिसके जन्म के समय से ही माता-पिता,भाई-बहन, बुआ-मामा-मौसी आदि स्वजनों ने जिसके विवाह के लिए अपने अपने सपने सजा रखे हैं कोई छोटी बड़ी भेंट विवाह के शुभ समय में आशीर्वाद रूप में जिसे  देने के लिए अपने पास सँभालकर रखी हुई है। बूढ़े दादा दादी जिसका विवाह देखने के लिए ही अपनी जिंदगी सँभालकर बैठे हुए हैं।

     ऐसे समस्त स्वजनों के संबंधों को अकारण ही सस्पेंड करके जो आधुनिक प्रेमी जोड़े आधे अधूरे कपड़े पहने या उन्हें भी  उतार कर गली मोहल्लों, चौराहों, पार्कों में एक दूसरे के मुख में मुख रगड़ रहे हों?एक दूसरे के साथ विवाह करने का आश्वासन दे रहे हों,कह रहे हों कि मैं तुम्हारे लिए सबको छोड़ दूँगा किन्तु तुम्हें नहीं छोड़ूँगा। ऐसे मक्कारों,झुट्ठों,लप्फाजों की बातों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। 

       ऐसे लोगों से क्यों न पूछा जाए कि तुम्हारे अपनों से ऐसा क्या अपराध हुआ है,क्या उन्होंने तुम्हें बहुत सताया है परेशान किया है। क्या वो तुम्हारा विवाह नहीं करना चाहते हैं या किसी गंदे कुरूप बीमार अयोग्य को तुम्हारा जीवन साथी बनाना चाहते हैं आखिर उनसे ऐसा क्या अपराध हुआ है जो उन्हें छोड़नेको तैयार हो!वो भी मेरे लिए!आखिर जो तुम्हारे अपने लोग तुम्हें नहीं दे सकते हैं और हमारे आपके कुछ समय के सामान्य अनुभव एवं परिचय के बलपर वह पा लेना चाहते हो मुझमें ऐसा क्या देखा?जिस लालच में भूल जाना चाहते हो अपने  गौरव मय अतीत के सगे संबंधी ?

      वास्तव में आपका प्रेम तो बहाना है वस्तुतः आपको सेक्स पीड़ा  परेशान कर रही है जिसका तत्कालीन  समाधान तब तक के लिए आप हम में देख रहे हैं जब तक कि हमसे अच्छा कोई और साथी आपको मिल न जाए!इसके बाद  हमारी जो दुर्दशा होनी है वो मुझे पता है।

No comments:

Post a Comment