सरकार की सेक्स सुविधाएँ
जिस उम्र में शिक्षा में नैतिकता,सदाचार, संयम आदि सिखाने समझाने की जरूरत होती है जिससे बच्चे पढ़ लिख जाते हैं।
शिक्षा की उम्र में सेक्स की चाहने से उनकी पढाई बीच में रुक जाएगी। अच्छा होगा ऐसी महँगाई में वो भी सरकार पर बोझ बन जाते हैं सरकार से नौकरी माँगने लगते हैं।इससे शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में लगाम लगेगी!अशिक्षित बेरोजगार मनरेगा के महत्त्व को समझकर सरकार को वोट देंगे प्रशंसा करेंगे।अब जिस उम्र में शिक्षा के लिए तपस्या करनी होती है उस उम्र सेक्स की तलाश में कुत्ते बिल्लियों की तरह पार्क पर्किंगों में कूड़ेदानों के पास बीतेंगे दिन!क्यों कोई विद्यालय जाएगा?अब तो बस पटने पटाने में बीत जाएँगे जीवन के सुहाने पल!
वैसे भी सुरा सुंदरी का शौक तो होता ही रईसों का है इसमें बहुत पैसे चाहिए होते हैं इस लिए इसमें मोटे पैसे की जरूरत पूरी करने के लिए कमाने का समय कहाँ होगा?कुछ बच्चे सेक्स के लिए किसी को पटाने के लिए कुछ पैसे पेमेंट करके बाकी उधार कर लेंगे किन्तु सामने वाले को जब उससे महँगा प्रेमी मिलने लगेगा तो उसके द्वारा पुराने प्रेमी के सामने उस अधिक पैसे की डिमांड रखी जाएगी वो घबड़ाया हुआ बेचारा क्या करेगा? इसमें तो डायरेक्ट ही अपहरण, लूट, फिरौती,हत्या के लिए सुपारी लेना देना आदि ये सब करना पड़ेगा या फिर उसको झूठ साँच धमकी देनी देनी पड़ेगी!इतना कौन सहेगा?छोटी धमकी में घूरने का आरोप लगाया जायगा और बड़ी धमकी में बलात्कार का!शक्त कानून का एक सीधा सा लाभ होता दिख रहा है क़ानूनी शिकंजा कसेगा और फाँसी तक बात पहुँचेगी!इससे जो लड़के लड़कियों की संख्या का लैंगिक संतुलन बिगड़ रहा है उसमें रोक लगेगी!इससे एक और बड़ा चुनावी फायदा होता दिखता है बच्चों की जो फसल अभी सोलह वर्ष की उम्र पार कर चुकी है वो चुनावों तक वोट देने लायक हो जाएगी स्वाभाविक है सरकार के द्वारा उपकृत यह बच्चा वर्ग वोट भी इन्हें ही देगा। इस दाँव का विपक्ष के पास कोई काट नहीं होगा।बलात्कारों एवं अपराधों के कारण बैकफुट फुट पर खड़ी सरकार फ्रंट पर सामने दिखेगी। इस योजना से लाभान्वित समाज सरकार का कट्टर समर्थक होगा पार्टी में अधिक से अधिक नौजवानों को जोड़ने का वायदा भी इसी बहाने पूरा होगा।
सोलह साल की उम्र से सेक्स और अठारह वर्ष की उम्र में विवाह होगा।एजुकेशन में शिक्षा का विधान,फिर सेक्स ,तब विवाह कितनी बढ़िया सेटिंग सोच बिचारकर रखी गई। बुद्धिमान के लिए इशारा काफी होता है।ये सोलह साल की उम्र से अठारह वर्ष की उम्र के बीच का समय जिसके बीतेगा। कुछ गर्भ ठहरेंगे तो डाक्टरों एवं दवा कंपनियों का फायदा होगा दूसरी ओर कंडोम की बिक्री बढ़ेगी इससे सम्बंधित जो लाभान्वित वर्ग होगा उससे धन वसूली होगी।
कानून व्यवस्था से लेकर पुलिस समेत उन सभी विभागों की आय बढ़ेगी जो अपराधों पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए हैं। नए नए कानूनों का सदुपयोग भी बढ़ेगा स्वाभाविक है।
एक तरह से देखा जाए तो सरकार की आमदनी से लेकर संचय तक का सारा काम आटोमैटिक चल रहा होगा। चुनावों बाद यदि अपनी सरकार बनी तो ठीक है अन्यथा जिसकी बनी वो एहसान मानेगा। एक अर्थशास्त्री के इस योगदान को कौन भुला सकेगा!
इन सबके बाद बढ़ेगी रामसिंहों की संख्या जिनकी माताओं के आँसू बहेंगे पिता अपने जीवन को पुत्र पुत्रियों के वियोग में बोझ बनाकर जी रहे होंगे!त्राहि त्राहि मची होगी । भारत के पवित्र समाज की इस दुर्दशा का फल तुम्हें अवश्य भोगना पड़ेगा ये तुम्हें शाप है।
सामान्य रूप से जिसके लिए हमारे संस्थान की सदस्यता लेने का प्रावधान है।
जिस उम्र में शिक्षा में नैतिकता,सदाचार, संयम आदि सिखाने समझाने की जरूरत होती है जिससे बच्चे पढ़ लिख जाते हैं।
शिक्षा की उम्र में सेक्स की चाहने से उनकी पढाई बीच में रुक जाएगी। अच्छा होगा ऐसी महँगाई में वो भी सरकार पर बोझ बन जाते हैं सरकार से नौकरी माँगने लगते हैं।इससे शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में लगाम लगेगी!अशिक्षित बेरोजगार मनरेगा के महत्त्व को समझकर सरकार को वोट देंगे प्रशंसा करेंगे।अब जिस उम्र में शिक्षा के लिए तपस्या करनी होती है उस उम्र सेक्स की तलाश में कुत्ते बिल्लियों की तरह पार्क पर्किंगों में कूड़ेदानों के पास बीतेंगे दिन!क्यों कोई विद्यालय जाएगा?अब तो बस पटने पटाने में बीत जाएँगे जीवन के सुहाने पल!
वैसे भी सुरा सुंदरी का शौक तो होता ही रईसों का है इसमें बहुत पैसे चाहिए होते हैं इस लिए इसमें मोटे पैसे की जरूरत पूरी करने के लिए कमाने का समय कहाँ होगा?कुछ बच्चे सेक्स के लिए किसी को पटाने के लिए कुछ पैसे पेमेंट करके बाकी उधार कर लेंगे किन्तु सामने वाले को जब उससे महँगा प्रेमी मिलने लगेगा तो उसके द्वारा पुराने प्रेमी के सामने उस अधिक पैसे की डिमांड रखी जाएगी वो घबड़ाया हुआ बेचारा क्या करेगा? इसमें तो डायरेक्ट ही अपहरण, लूट, फिरौती,हत्या के लिए सुपारी लेना देना आदि ये सब करना पड़ेगा या फिर उसको झूठ साँच धमकी देनी देनी पड़ेगी!इतना कौन सहेगा?छोटी धमकी में घूरने का आरोप लगाया जायगा और बड़ी धमकी में बलात्कार का!शक्त कानून का एक सीधा सा लाभ होता दिख रहा है क़ानूनी शिकंजा कसेगा और फाँसी तक बात पहुँचेगी!इससे जो लड़के लड़कियों की संख्या का लैंगिक संतुलन बिगड़ रहा है उसमें रोक लगेगी!इससे एक और बड़ा चुनावी फायदा होता दिखता है बच्चों की जो फसल अभी सोलह वर्ष की उम्र पार कर चुकी है वो चुनावों तक वोट देने लायक हो जाएगी स्वाभाविक है सरकार के द्वारा उपकृत यह बच्चा वर्ग वोट भी इन्हें ही देगा। इस दाँव का विपक्ष के पास कोई काट नहीं होगा।बलात्कारों एवं अपराधों के कारण बैकफुट फुट पर खड़ी सरकार फ्रंट पर सामने दिखेगी। इस योजना से लाभान्वित समाज सरकार का कट्टर समर्थक होगा पार्टी में अधिक से अधिक नौजवानों को जोड़ने का वायदा भी इसी बहाने पूरा होगा।
सोलह साल की उम्र से सेक्स और अठारह वर्ष की उम्र में विवाह होगा।एजुकेशन में शिक्षा का विधान,फिर सेक्स ,तब विवाह कितनी बढ़िया सेटिंग सोच बिचारकर रखी गई। बुद्धिमान के लिए इशारा काफी होता है।ये सोलह साल की उम्र से अठारह वर्ष की उम्र के बीच का समय जिसके बीतेगा। कुछ गर्भ ठहरेंगे तो डाक्टरों एवं दवा कंपनियों का फायदा होगा दूसरी ओर कंडोम की बिक्री बढ़ेगी इससे सम्बंधित जो लाभान्वित वर्ग होगा उससे धन वसूली होगी।
कानून व्यवस्था से लेकर पुलिस समेत उन सभी विभागों की आय बढ़ेगी जो अपराधों पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए हैं। नए नए कानूनों का सदुपयोग भी बढ़ेगा स्वाभाविक है।
एक तरह से देखा जाए तो सरकार की आमदनी से लेकर संचय तक का सारा काम आटोमैटिक चल रहा होगा। चुनावों बाद यदि अपनी सरकार बनी तो ठीक है अन्यथा जिसकी बनी वो एहसान मानेगा। एक अर्थशास्त्री के इस योगदान को कौन भुला सकेगा!
इन सबके बाद बढ़ेगी रामसिंहों की संख्या जिनकी माताओं के आँसू बहेंगे पिता अपने जीवन को पुत्र पुत्रियों के वियोग में बोझ बनाकर जी रहे होंगे!त्राहि त्राहि मची होगी । भारत के पवित्र समाज की इस दुर्दशा का फल तुम्हें अवश्य भोगना पड़ेगा ये तुम्हें शाप है।
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