आरक्षण जैसी भिक्षा की आधीनता कैसी और क्यों ?
दलितों और अल्प संख्यकों को बेवकूप बनाने का ये खेल काँग्रेस साठ वर्षों से खेल रही है किन्तु दलितों और अल्प संख्यकों को समझ में क्यों नहीं आ रहा है ?कि जब सारे देश के लोग इस लोकतंत्र में सामान अधिकार रखते हैं सब के लिए कानून बराबर है सबके सबसे सामान सम्बन्ध हैं सबको अपनी अपनी इच्छानुसार व्यापार करने की स्वतंत्रता है फिर आरक्षण जैसी भिक्षा की आधीनता कैसी और क्यों ?क्यों नहीं उतार कर फ़ेंक देते हैं यह दैन्यता पूर्वक आरक्षण के लिए गिड़ गिड़ाने की आदत और लोभ ?आखिर नेताओं के दिमाग में दलितों और अल्प संख्यकों की क्यों बना दी गई है भिखारियों जैसी इमेज ?नेता लोग चुनावों के समय जब वोटों को माँगने के लिए निकलते हैं तो हर भाषण में गिना रहे होते हैं अपनी अपनी दी हुई भीखें !हमने भोजन की गारंटी दी है हम केंद्र से पैसा भेजते हैं दलितों और अल्प संख्यकों की हमें बहुत चिंता है!
सभी देश वासियो का कर्तव्य है कि इन लोभ देने वाले नेताओं को दुदकार कर कह देना चाहिए माँ भारती की कोख से जन्म लेने वाला हर बच्चा भाई भाई होता है और भाइयों के रहते यहाँ कोई अल्प संख्यक और दलित कैसे हो सकता है ?जहाँ तक बात गरीबत की है वो सभी जातियों वर्गों समुदायों सम्प्रदायों में है किन्तु गरीब केवल गरीब होते हैं वे अल्प संख्यक और दलित नहीं होते !किसी भी सच्चे प्रशासक को प्रजा प्रजा में भेद करना शोभा नहीं देता है यह राजनैतिक टुच्चापन लोकतंत्र के लिए घातक है !!!
डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
संस्थापक- राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान
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