Pages

Thursday, March 6, 2014

इस लेख को आप जरूर पढ़ें और समझें "आम आदमी पार्टी" बनने की संभावित सच्चाई !

     यही वो लेख है जिसके प्रकाशित होने के 26 दिन बाद घोषित की गई थी आम आदमी पार्टी। आप इस लेख को जरूर पढ़ें और इससे मिलाएँ आम आदमी पार्टी के लोगों का आचरण ! क्या आपको नहीं लगता है कि मेरी स्क्रिप्ट के आधार पर ही लिया गया है आम आदमी पार्टी बनाने का आइडिया और"आम आदमी पार्टी"नाम रखने का आइडिया भी वहीँ से लिया गया है जिसमें मेरी सहमति न लेना क्या अनैतिक नहीं है यदि हाँ तो ऐसे लोगों को ईमानदार कैसे कहा जा सकता है ? 

     मेरी उसी  स्क्रिप्ट(लेख) के आधार पर  अभिनयात्मक रूप से आज सारा आचरण करते दिख रहे हैं अरविन्द केजरी वाल!अन्यथा जिस आम आदमी का नाम ले लेकर राजनीति करते रहे कहाँ है वो आम आदमी ?और किसमें दिखता है आम आदमी जैसा आचरण !इसलिए आप भी यह लेख जरूर पढ़ें और हो सके तो अपनी टिप्पणी से हमें अवगत भी अवश्य  कराएँ (इसमें लिखने के बाद किसी भी प्रकार की एडीटिंग नहीं की गई है )खोलिए यह लेख लिंक -

Wednesday, 31 October 2012



ऐ मेरे देश के शासको! अब तो विश्वास भी टूट रहा है!



  आम आदमी और नेताओं  में  इतनी दूरी आश्चर्य !


     इस देश  का आम आदमी कहॉं जाए अपनी पीड़ा किसे सुनावे ?जो न हिंदू और न ही मुशलमान है न हरिजन और न ही सवर्ण है।न स्त्री न ही पुरुष  है। न बच्चा न बूढ़ा है।वो see more...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/10/blog-post_4683.html

No comments:

Post a Comment