मोदी से परेशान मायावती राहुल प्रियंका और मोदी विरोधी सभी पार्टियों के नेता लोग !
मोदी के दलित होने से मायावती जी दुखी हैं न जाने क्यों वो बार बार मोदी जी की जाति पूछ रही हैं आखिर क्यों ?उन्हें यह जिम्मेदारी किसने दी है या उनसे किसी ने पूछी थी उनकी जाति क्या ?
दलित बेटा मोदी जी के आ जाने के कारण मायावती जी का दलित धंधा अब चौपट होने की कगार पर है ! राहुल जी के नरेगा ,मरेगा ,मनरेगा जैसे लोक लुभावने कार्यक्रम मारे मारे फिर रहे हैं । प्रियंका जी का असर हीन प्रचार काँग्रेस को निराश कर रहा है । जाँच एजेंसियों के भय से भाजपा को गाली देकर कुछ सीटें हासिल करके काँग्रेस के सामने दुम हिलाने वाले दल बड़े बेचैन हैं ,चारों ओर एक ही शोर है भागो भागो मोदी आ रहा है !
अरे ठहरो ! ठहरो !सपा के सूरमाओ ठहरो !बसपा के बलशालियों ठहरो ! जनता दल लालटेन वालो डरो मत !अरे काँग्रेस के अकर्मण्य योद्धाओं ! पीठ दिखाकर मत भागो ऊटपटाँग मत बोलो ! ठहरो! घबराओ मत! जनसेवा व्रती मोदी आ रहा है स्वागत करो !वो भ्रष्टाचार मिटाने आ रहा है भ्रष्टों के संस्कार सुधारने आ रहा है ।
मोदी जी दलित के बेटा हैं इससे दलित की बेटी मायावती जी दुखी क्यों है !मोदी जी ने जन सेवा तपोव्रत लिया है अब दलित, अल्पसंख्यक और महिलावर्ग समेत सभी को जाति , क्षेत्र,धर्म, संप्रदाय के नाम पर आरक्षण की भीख के भरोसे नहीं जीने दिया जाएगा भाजपा का प्रण है कि आजाद भारत में जिसका जो हक़ बनता है वो दिलाया जाएगा हर किसी की पहचान और उसका सम्मान उसकी जाति संप्रदाय से नहीं अपितु उसके काम और सक्षमता से होगा । अब हर किसी को आत्म निर्भर बनाया जाएगा !
अरे राहुल जी ! प्रियंका जी !बताओ तो सही कि भाजपा और मोदी जी के नीच कर्म क्या हैं और क्या है नीच राजनीति ?क्या है मतलब आप लोगों के यह सब बोलने ने का ?
देश आखिर कब तक किसी राजघराने की बहू बेटा बेटी का यूँ ही आदर करता रहे और उनके द्वारा चुनावों के समय घर घर जाकर गरीबों की महिलाओं को मुख चिढ़ाना आखिर कब तक सहे?कब तक किसी राजघराने के बहू बेटा बेटी का खेतों पर काम करती गरीब महिलाओं का उपहास उड़ाना सहे ?और कब तक किसी राजघराने के बहू बेटा बेटी को छू छू कर उनकी सुकोमल त्वचा का एहसास करें गरीबों की महिलाएँ-पुरुष और बच्चे ?क्या इस देश की स्वतंत्रता में गरीबों का कोई हिस्सा नहीं है !
अरे राहुल जी ! प्रियंका जी ! आप ही बताओ
आजादी की लड़ाई सारे देश ने मिलकर लड़ी थी सबने मिलकर कुर्वानियाँ भी दी थीं और सबने मिलजुलकर संघर्ष भी खूब किया था और सबको आशा थी कि अब हमारा देश स्वतन्त्र होगा और हमारा जीवन भी सुधरेगा इसी आशा में तो आपके परिवार को समझदार और ईमानदार समझकर इस देश की सरकार का मुखिया मान लिया गया था इसी विश्वास में सबसे लम्बे समय तक आपके परिवार की ही मल्कियत चली इस देश में।हर बार चुनावों में आपके परिवार को ही जिताया जाता रहा बस इसी आशा में कि इस बार नहीं तो अगली बार सही आप लोग हमारे विकास पर भी ध्यान देंगे !राहुल जी ! आपके पूर्वजों पर ईमानदारी पूर्वक सबको साथ लेकर चलने एवं सबका समान विकास करने की जिम्मेदारी थी किन्तु क्या कारण है कि आप तो आप से आप हो गए फिर भी हम हम्हीं बने रहे !ये नीच राजनीति है या नीच कर्म ये तो आप ही बेहतर बता और समझ सकते हैं किन्तु आपके परिवार से समाज का आज विश्वास तो टूटा है उसमें दोष किसका है ? नीच कर्म किसके हैं और नीच राजनीति कौन करता है ?
मोदी जैसे असंख्य भारतीयों को चाय बेचकर या मजदूरी करके बचपन बिताना पड़ता है क्यों तो राहुल जैसे रईसों को क्यों नहीं ?
राहुल जी ! आखिर आपका धंधा व्यापार क्या है और कैसे चलाते हैं आप अपना काम काज? उसमें कितना करते हैं परिश्रम ? हमने बड़े बड़े उद्योग पतियों को व्यापारिक परेशानियों में दिन रात जूझते देखा है !हमने बड़े बड़े राजा महाराजाओं को योद्धाओं की तरह युद्ध स्थल में जाकर भयंकर संग्राम करते देखा है किन्तु आप इन सब समस्याओं से मुक्त हैं फिर भी आप किसी से कम नहीं हैं ! बिना किसी प्रत्यक्ष काम के भी आप की कमाई खूब है बिना किसी कंजूसी के आप खुला खर्च करते हैं अर्थात सब सुख सुविधाएँ भोगने के बाद भी आपकी संपत्ति दिनोदिन जुड़ती बढ़ती चली जा रही है आखिर कैसे ? राहुल गाँधी जी ! विदेश तो आपके लिए घर के आँगन की तरह हैं और गरीबों की साइकिल की तरह आपके लिए हवाई जहाज हैं ! आपकी नाते रिश्तेदारी अर्थात ननिहाल विदेश में है ,आप की शिक्षा जहाँ हुई वो स्कूल विदेशों में हैं, आपके परिवार को चिकित्सा जहाँ की पसंद है वो अस्पताल विदेशों में हैं, स्वाभाविक है कि आपके मित्र भी विदेशों में होंगें !आपका वाहन हवाई जहाज है आपका घर राजाधिराजों के महलों जैसा है आपका रहन सहन राजाओं जैसा है ये सब कैसे हो पाता है वो कला हम भारतीय गरीबों को भी सिखाइए समझाइए !
देशवासियों ने मिलजुलकर आपके लिए इतना सब कुछ दिया है किन्तु देश वासियों को आपने केवल रोटी धोती कपड़ों में ही उलझा रखा है इससे ऊपर उठने ही नहीं देते ! उसके लिए आपके पास है भोजन गारंटी बिल ,पाँच किलो चावल, पाँच किलो गेहूँ ,नौ सिलेंडर ! ये सब क्या है !आखिर देशवासी भिखारी तो नहीं हैं और न ही आपको ऐसा समझना चाहिए !नरेगा ,मरेगा ,मनरेगा ये सब क्या ड्रामा है?इनमें भी जाति,क्षेत्र,धर्म, संप्रदाय आदि के भेद भाव के लिए बड़े इंतजाम हैं !राहुल जी! आधार पर लोग गरीब अमीर होते हैं या इसी आधार पर लोगों को भूख लगती है ?और यदि ऐसा नहीं है तो जन सहयोग के सरकारी इंतजाम और योजनाएँ जाति, क्षेत्र, धर्म एवं संप्रदाय आदि के आधार पर क्यों बनाई जाती हैं ?
मेरा यह लेख इसी विषय में है अवश्य पढ़ें - मोदी जी दलित क्यों नहीं और मायावती जी दलित क्यों हैं ? हर जाति का हर गरीब व्यक्ति दलित क्यों नहीं हो सकता |दलित कौन हैं उनमें किस तरह की कमी होती है और आरक्षण से उसकी पूर्ति कैसे हो पाती है ? अगर शब्दकोशीय अर्थ पर ध्यान दिया जाए तो जो मेडिकली फिट हैं तो दलित किस बात के ?फिर भी यदि माना जाए ?see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/05/blog-post_7.html
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