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Friday, June 6, 2014

भारत के साल रूपी उपहार के बदले पाकिस्तान ने भेजी साड़ी या भेंट ! किन्तु भेंट तो पहले ....... !

       नरेंद्र मोदी जी ने नवाज शरीफ  की माँ के लिए शपथ ग्रहण उत्सव पर उपहार स्वरूप साल दिया था उसके   बाद नवाज शरीफ ने नरेंद्र मोदी जी की माँ के लिए साड़ी भेजी है। लेकिन मित्रो ! ध्यान रहे कि यह साड़ी उपहार नहीं है यह तो मात्र एक साड़ी भर है ! जबकि साल उपहार में दी गई थी , यह बदला इतनी जल्दी चुकाना जरूरी था क्या ? इसके बाद क्या कोई ऐसा अवसर नहीं आता जब हमारे उपहार को उपहार स्वरूप में ही दिया जाता तो शिष्टाचार का कितना अच्छा उदाहरण होता ! सामान्य संबंधों में हम जिसके साथ लम्बा सम्बन्ध नहीं चलाना चाहते हैं उसे इसीप्रकार से हाथ के हाथ निपटा देते हैं ! आखिर इस साडी को इतनी जल्दी भेजना इतना आवश्यक तो नहीं था !

        जब नवाज शरीफ को पहले से पता था कि मोदी जी की माता जी हैं यदि उनके मन में शिष्टाचार बश ही सही मोदी जी की माता जी के प्रति कोई सम्मान था और उनके लिए वो कुछ उपहार स्वरूप देना ही चाहते थे तो शपथ ग्रहण महोत्सव में ही भेंट रूप में लेकर आए होते और सादर सप्रेम दी गई होती यह भेंट तो वहाँ इसकी कोई कीमत नहीं होती अपितु यह बहुमूल्य उपहार होता और इस प्रकार के उपहार की शोभा उस समय बहुत अधिक हो जाती !क्योंकि उत्सव में दिया गया सम्मान सहित कुछ भी सामान उपहार होता है और उत्सव के बाद  दिया गया सामान केवल सामान होता है या फिर दिए गए उपहार को सामान समझ कर उसके बदले में दिया गया सामान होता है । 

      शिष्टाचार के सिद्धांतों के अनुशार प्रधानमंत्री पद पर अभी नवाज साहब का  कार्यकाल लम्बा है और इधर मोदी जी की तो अभी शुरुआत ही है , नवाज साहब चाहते तो किसी उत्सव पर आमंत्रित कर लेते हमारे प्रधानमंत्री जी को और तब  जो देना होता दे देते जो उपहार भावना से लेने में हमें भी हमारी पहल के अनुरूप उत्साह बर्द्धक लगा होता ! 

     यदि इसीप्रकार से हमारे उपहारों का बदला  सामानों से दिया जाता रहेगा  तो यह बदले की भावना हमारे और आपके बीच विश्वास को बढ़ने नहीं देगी ! नवाज साहब ! यदि इस शिष्टाचार के व्यवहार को प्रतीक मान लिया जाए तो पहले पहल मोदी जी ने की है उन्होंने  ही आपको बुलाया तो आप चले आए और उन्होंने पहले उपहार स्वरूप साल दिया तो आपने साड़ी भेजी है । नवाज साहब! इसमे आपको ऐसा क्यों नहीं लग रहा है कि भारत के साथ स्नेह का हाथ बढ़ाने में आप कुछ संकुचित से लग रहे हैं !

      ये तो रही बात माता के सम्मान की अब बात भारत माता के सम्मान की ! नवाज साहब ! क्या इसमें भी हर पहल भारत को ही करनी पड़ेगी और भारत जैसा जैसा व्यवहार करता जाएगा पाकिस्तान भी संकोच बश ही वैसा वैसा करेगा अपने मन से कोई कदम आगे नहीं बढ़ाएगा !

 


 

 

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