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Thursday, February 28, 2013

कितना पाखंड हो रहा है शास्त्रों के नाम पर ?

    ज्योतिषी कहलाने लिए बड़े पाप करने पड़ते हैं 
    प्रायःशास्त्रीय ज्योतिष से अपरिचित अनजान लोग राशिफल के नाम पर सौ प्रतिशत झूठ बोल रहे होते हैं जिसे किसी भी मंच पर सच सिद्ध नहीं किया जा सकता,कुछ लोग ज्योतिष पढ़ाने के नाम पर चैनलों पर कुछ बक रहे होते हैं।बस केवल इसलिए ताकि लोग समझें कि जरूर पढ़े लिखे  होगें नहीं तो पढ़ाते कैसे? स्टूडियो के अन्दर से या अपने परिचितों या नाते  रिश्तेदारों से गुरू जी,माता जी आदि कह  कहाकर किए कराए जा रहे होते हैं फोन! कराई जाती है झूठी प्रशंसा!अपनी प्रशंसा में घर से लिखकर ले गए काल्पनिक पत्र पढ़ या किसी और से पढ़ा रहे होते हैं।अपने मुख से अपने को गुरू जी बोलते हैं अपनी झूठी प्रशंसा अपने ही मुख से करते हैं सारा डाटा झूठ पर आधारित होता है जो वो बताते हैं कि उन्होंने किस किस का बहुत बड़ा फायदा किया या कराया!
    ऐसे कई पाखंड प्रिय लोग तो नेताओं मंत्रियों के साथ बनाई गई अपनी तस्वीरें दिखा रहे होते हैं कि देखो ये कितने काबिल हैं।अन्य लेखकों की लिखी हुई किताबों का मैटर अपने नाम से  छपाकर दिखा रहे होते हैं मोटी मोटी किताबें।क्या कुछ पाखंड नहीं करना पड़ता है इस प्रकार बड़ा घातक होता है बिना पढ़े लिखे लोगों के ज्योतिषी कहलाना यही ईच्छा होने के कारण बड़े
बड़े ड्रामे करने पड़ते हैं इस धंधे में!अपने देश वासी आम आदमी को डरा धमका कर भविष्य के अच्छे  अच्छे सपने दिखाकर अपनी ओर खींचने के लिए कितनी बेशर्मी करनी पड़ती है अपना मन कितना कठोर एवं पापी बनाना पड़ता है ये सब हमें पता है चूँकि हम इस काम से जुड़े हैं !यह भयंकर पाप करने में जो डरे वो हमारी तरह शास्त्रीय सच्चाई समाज के सामने रखने लगते हैं। इन्हीं सब बातों को सही सही समझाने के लिए हमारे राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान के ज्योतिष जनजागरण मंच के अभियान के तहत संस्थान के सदस्य बनकर सभी प्रकार के शास्त्रीय शंका समाधान के लिए सुबिधा प्रदान की जा रही है ।आप कहीं भी बैठ कर फोन पर भी केवल ज्योतिष ही नहीं अपितु सभी प्रकार की शास्त्रीय शंकाओं का समाधान पा सकते हैं। इसी प्रकार वास्तु, उपायों  आदि समस्त प्राचीन विद्याओं से संबंधित ज्योतिष शास्त्रीय प्रमाणित सच्चाई जानने के लिए हमारे राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान के ज्योतिष जनजागरण अभियान के तहत बहुत सारी जानकारी संस्थान की बेवसाइट पर भी  उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया गया है।जिसे आप कभी भी देख सकते हैं।और इसप्रकार के किसी भी अंधविश्वास में फॅंसने से बचने के लिए आप ज्योतिष  विषय का अपना जर्नल नालेज बढ़ा सकते हैं। और यदि आप ज्योतिष  वास्तु आदि समस्त प्राचीन विद्याओं से जुड़ी कोई निजी जानकारी भी शास्त्र प्रमाणित रूप से लेना चाहें तो भी आपको संस्थान की तरफ से यह सुविधा संस्थान संचालन के लिए सामान्य शुल्क जमा करा कर लिखित या प्रमाणित रूप से दी जाती है। जिसमें किसी भी प्रकार की गलती होने पर हर परिस्थिति में संस्थान अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता है।जो चीज ज्योतिष शास्त्र से संभव नहीं है। उसे स्पष्ट  रूप से मना कर दिया जाता है।किसी भ्रम में नहीं रखा जाता है।संस्थान केवल सलाह देता है।यहॉं किसी प्रकार के बिक्री व्यवसाय या नग नगीना यंत्र तंत्र ताबीजों का क्रय बिक्रय या कमीशन कार्य आदि की कोई व्यवस्था नहीं होती है।हमारे संस्थान का उद्देश्य  केवल प्राचीन विद्याओं की जानकारी आप तक पहुँचाकर अंधविश्वास में फॅंसने से बचाना है।यदि आप भी किसी भी प्रकार से शास्त्रीय प्रचार प्रसार में संस्थान का सहयोग करना चाहें तो संस्थान आपका आभारी रहेगा ।

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