प्यारे चन्द्र शेखर जी प्रार्थना हमारी है ये
एक बार भारत में फिर से पधारिए ॥
ऐसी ही स्वतंत्रता की कल्पना थी आपकी क्या,
चारों ओर लूट लतखोरी है निहारिए ॥
रेप से रँगे हैं अखवारों के अनंत पृष्ठ
छोटी छोटी बेटियों की विपति बिचारिए ।
शासकों से साँठ गाँठ होती अपराधियों की,
ऐसे राष्ट्र नायकों की नियत सुधारिए ॥
- डॉ.एस.एन. वाजपेयी
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