प्रधान मंत्री जी ! सादर नमस्कार
उत्तरप्रदेश की स्थिति बहुत अधिक ख़राब है | मैं स्वयं भुक्त भोगी हूँ ! आप भी देखिए -
महोदय, मैं संघ परिवार के विविध आयामों से किसी न किसी रूप में 1986 से अभी तक जुड़ा आ रहा हूँ | लंबे समय से न मिल पाने के कारण आज मैं आपसे यह कहने की भी स्थिति में नहीं हूँ कि आप से और ओपी साहब से एक कवि के रूप में मेरा कभी निजी परिचय भी था |
महोदय,निवेदन है कि कानपुर जिले की बिल्हौर तहसील के थाना शिवराजपुर का इंदलपुर गॉंव मेरी जन्म भूमि है | यहाँ वर्षों पहले सरकारी जमीन पर सरकारी पैसे से एक रोड बनाया गया था जो हम लोगों के घर आने जाने का एक मात्र रास्ता है | उस रोड को इस वर्ष गाँव के ही शिवनाथ पुत्र देवी प्रसाद ने गुंडागर्दी के बलपर रोड खोदकर अपनी दीवार बना ली हमारे घर के दूसरी तरफ बाबू शंकर पुत्र जय नारायण ने रोड खोद कर अपनी दीवार बना ली दोनों तरफ से हमारा रास्ता बंद हो गया | बीच में रोड अभी बना है जिसे उखाड़कर कभी समाप्त कर देंगे |
हमारे परिवार के लोगों के द्वारा इसकी शिकायत जन सुनवाई में की गई विगत 19 अगस्त को तहसीलदार साहब ने आकर रोड पर निर्माण रुकवा दिया इससे गुस्साए उन गुंडों ने हमारे घर में घुसकर पुरुषों से लेकर महिलाओं बच्चों तक को बुरी तरह मारपीट के रक्त रंजित कर दिया | एक घंटे तकतक यह खेल चला थाने की पुलिस के संज्ञान में होने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाए | हमारा परिवार बंधक बना हुआ था | सरकार के जिम्मेदार सभी विभागों से लेकर CM ऑफिस तक फोन किए गए किंतु कहीं से कोई मदद नहीं मिली |
जब गुंडों ने अपनी इच्छा से छोड़ा तब हमारे परिवार के घायल लोग रोते पीटते थाने पहुँचे वहाँ पुलिस ने गुंडों से अधिक केस हमारे परिवार पर बना देने की धमकी देकर समझौता करने के लिए बाध्य किया और FIR नहीं लिखी | उसके बाद वे लोग दो बार और हमला कर चुके हैं | कंप्लेन करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं |बड़े अधिकारियों के पास शिकायत करने गए तो वो FIRकॉपी माँगते हैं |
ऐसी परिस्थिति में हमारा परिवार उन्हीं गुंडों के रहमों करम पर इस शर्त के साथ जिंदा है कि अब उन्हें कितना भी परेशान किया जाए वे कंप्लेन नहीं करेंगे | ग्राम प्रधान समेत गाँव का कोई व्यक्ति उन गुंडों के विरुद्ध कुछ बोलता नहीं है स्वयं पुलिस भी विकास दुबे की तरह ही वहाँ भी हाजिरी देती है |
हमारा परिवार खेत बेचकर गाँव से भागने को पूरी तरह तैयार है किंतु वे गुंडे खेतों का भी उचित मूल्य नहीं मिलने दे रहे हैं |
सभी अधिकारियों को पत्र दिए जा चुके हैं कहीं सुनवाई न होने के कारण परिवार इतना अधिक भयभीत है कि अब कंप्लेन भी देने की हिम्मत नहीं है |
अपनी बात का विश्वास दिलाने के लिए मैं आपको भी इससे संबंधित कुछ फोटो कागजात आदि भेज रहा हूँ ताकि आपको भी पता लगे कि आपके शासन में अपराधी कितने निरंकुश हैं |
निवेदक :डॉ.शेष नारायण वाजपेयी - 9811226983
मेरा व्यक्तिगत परिचय भी है
ये रोड सन 2013 में एसडी एम तहसीलदार समेत कई बड़े अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति में इस रोड को सरकारी जमीन पर सरकारी पैसे से बनवाया था जिसे सुरक्षित रखना प्रशासन की जिम्मेदारी हैकंप्लेन करने वालों को पिटवा रहा है प्रशासन !आज तक नहीं की गई भूमाफियाओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही !
रोड
जिसे
अधिकारी कर्मचारी ही मरवाए डाल रहे हैं निरपराध जनता को !
कानपुर के विकास दुबे को जिन्होंने अपराधी बनाया उन्होंने ही मार दिया उसके बाद भी वही प्रशासन न जाने कितने विकास दुबे तैयार करने की होड़ में लगा हुआ है न जाने वे भविष्य में कितनों की जान के दुश्मन बनेंगे !जो विकास दुबे अब तैयार किए जा रहे हैं !
कोई अकेली नहीं है अपराध करने के लिए भी धन एवं प्रशासन पर पकड़ की अत्यंत आवश्यकता होती है इसलिए कोई सभ्य अपराधी सबसे कोई चुनाव लड़ने और जीतने का प्रयास करता है !जिसकी शुरुआत प्रायः ग्रामप्रधानी के चुनाव से की जाती है अपराधियों के साथ पूरा गिरोह होता है इसलिए चुनाव जीत ही जाते हैं |इसके बाद ग्रामसेवक लेखपाल कानूनगो तहसीलदार एसडीएम पुलिस प्रशासन आदि बड़े बड़े स्थानीय अधिकारी उस गाँव के विकास को उसी अपराधी गिरोह की आँखों से देखने लगते हैं उन्हीं से राय परामर्श सलाह मशबिरा करते हैं उन्हीं अपराधियों के पैसों से आयोजित की जाने वाली भोज पार्टियों में सम्मिलित होने लगते हैं इनमें वो पैसा उड़ाया जाता है जो ग्राम विकास के लिए सरकार द्वारा दिया जाता है या ग्रामसमाज की जमीनों पर अवैध कब्ज़ा करवाकर तैयार किया जाता है | इसप्रकार से भूमाफिया अपराधी गिरोह के गुंडों का प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों के साथ फेमिलियर संबंध हो जाते हैं और अपराधियों के मन से प्रशासन का भय समाप्त हो जाता है |
जनसुनवाई जानलेवा है उत्तर प्रदेश में ! योगी जी इसे बंद करवा दीजिए !
अधिकारी कर्मचारी ही मरवाए डाल रहे हैं उत्तरप्रदेश की निरपराध जनता को !
भूमाफियाओं से साँठगाँठ के कारण अधिकारी कर्मचारी ही भूमाफियाअपराधियों का साथ देने के लिए पटकथा अपराधियों को लिखकर खुद देते हैं उसके बाद अपराधियों को बचने की गारंटी स्थानीय प्रशासन अपने कंधों पर सँभाल लेता है | अपराध करते समय अपराधियों के चेहरे पर प्रशासन का बिल्कुल नहीं होता है
उस पर अपराधी चलकर
देने के लिए पहले
अन्यथा आपके
हमारे गाँव इंदलपुर पोस्ट संभलपुर जिला कानपुर में तहसील बिल्हौर थाना शिवराजपुर का मामला है |
भूमाफिया गिरोह ने दबंगई के बलपर ग्रामप्रधानी का चुनाव जीता
निवेदक -
राजेंद्र कुमार वाजपेयी -9889507070
ब्रजकिशोर वाजपेयी -9838239075
ध्रुव कुमार वाजपेयी -6306920342
राम जी वाजपेयी -9838167171
मैं वर्तमान समय में दिल्ली में रहता हूँ - 9811226983
इस घटना से संबंधित फोटो वीडियो एवं उस दिन घटना के पहले अधिकारियों के साथ फोन पर हुई बात के प्रमाण हमारे जो इस घटना को घटित होने का कारण बने |
- 2013 में सुयोग्य सरकारी अधिकारियों के तत्वावधान में भूमाफियाओं से मुक्त करवाकर सरकारी जमीन पर सरकारी धन से यह खरंजा रोड बनवाया गया था ! इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है ऐसी परिस्थिति में देवी प्रसाद के दरवाजे पर रोड उखाड़कर दीवाल बना ली गई और रोड की जगह पर कब्ज़ा कर लिया गया !प्रशासन ने इसे संज्ञान में क्यों नहीं लिया इसके लिए जनता को कंप्लेन क्यों करनी पड़ी !उसके बाद भी प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं समझी और भूमाफियाओं के हमले का शिकार जनता को होना पड़ा इसके लिए दोषी कौन ?
- 2013 में सरकार के जिन सक्षम अधिकारियों ने अच्छी प्रकार से जाँच परख के बाद अपने तत्वावधान में जिस रोड का निर्माण करवाया था उसे अब उखाड़ा जा रहा है इसके लिए दोषी कौन पुराने अधिकारी या वर्तमान प्रशासन ?
- 19 अगस्त को तहसीलदार एवं एस डी एम साहब जैसे सक्षम राजस्व अधिकारी जब बार बार कह रहे थे कि उन्होंने उखाड़े गए खड़ंजे की जगह पर किसी भी प्रकार के निर्माण की कोई अनुमति नहीं दी है तो स्थानीय पुलिस प्रशासन किस आधार पर था कि वे अधिकारियों से निर्णय करवाकर लाए हैं तब बना रहे हैं |इसलिए उन्हें कैसे रोका जाए ?
- 19 अगस्त को जिस प्रकार से लाठी डंडे हॉकी आदि लेकर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे उससे यह आशंका थी कि ये लोग मारपीट करने की तैयारी में हैं सूचना पुलिस को दिए जाने के बाद भी हमला हो जाना और उन्हें मारपीट करने के लिए पूरा समय दिया जाना बार बार फोन करने पर भी पुलिस के द्वारा फ़ोन न उठाया जाना उसके बाद की पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के बाद भी थाना शिवराज पुर की पुलिस पर भावी जाँच के लिए भरोसा कैसे किया जाए ?
- तहसील दार साहब अबकी जाँच करने के लिए आए इसलिए वहाँ हमारे परिवार के लोगों को भी बुलाया गया था | जाँच करके जैसे ही उनकी गाड़ी चली वैसे ही उन लोगों ने हमारे परिवार के लोगों पर हमला कर दिया जबकि वे अधिकारी अभी गाँव में ही थे ऐसे में इस हमले को रोके जाने की जरूरत क्यों नहीं समझी गई ?दूसरी बार कोई अधिकारी जॉंच करने आएगा तो हमारे परिवार के लोग वहाँ कैसे खड़े होंगे और यदि नहीं खड़े होंगे तो क्या इस सरकारी रोड पर भूमाफियाओं का दोबारा कब्ज़ा करवा दिया जाएगा | सरकारी संपत्ति की सुरक्षा की प्रशासन की अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं है ?
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