केदार नाथ से पशुपति नाथ तक तवाही तवाही !स्वामी !अबोध भक्तों पर इतना क्रोध !आखिर क्यों ?माना कि भक्तों से गलतियां हो जाती हैं किंतु आप तो क्षमा कर सकते हैं दीना नाथ !किंतु जब आप ही विमुख होंगे तो कहाँ और कैसे रह पाएँगे आपके भक्त !हे त्रिलोकी नाथ !!
भगवान शिव ऐसी पीड़ा अब और किसी को न देना! आप इतने कठोर तो न थे,स्वामी, हम आम संसारी लोग हैं हम सह नहीं सके हैं ये बज्रपात!स्वामी क्या सृष्टि समाप्त करने का ही विचार था आपका !अपने चारों ओर फूल पत्तियों की तरह फैला लिए शव!आखिर इतना क्रोध क्यों?कृपा इतनी कठोर नहीं हो सकतीप्रभो! यदि नहीं तो इसे लीला या क्रीड़ा कैसे कहें स्वामी?ये समाचार देख देखकर दिन में खाया नहीं जाता रात में नींद नहीं आती है। सांसारिक अपनों से दुख तक्लीफ पाए हुए सताए हुए लोग आपके धाम में अपनी अपनी वेदनाएँ बताने ही तो जाते हैं यदि आपको अपना न मानते तो क्यों जाते लोग! प्रभु आपसे प्रार्थना है आपके चरणों में शरीर सौंपने वाले श्रृद्धालुओं को अपने ही चरणों में चिर निवास दो प्रभु कृपा करो ।
भगवान शिव ऐसी पीड़ा अब और किसी को न देना! आप इतने कठोर तो न थे,स्वामी, हम आम संसारी लोग हैं हम सह नहीं सके हैं ये बज्रपात!स्वामी क्या सृष्टि समाप्त करने का ही विचार था आपका !अपने चारों ओर फूल पत्तियों की तरह फैला लिए शव!आखिर इतना क्रोध क्यों?कृपा इतनी कठोर नहीं हो सकतीप्रभो! यदि नहीं तो इसे लीला या क्रीड़ा कैसे कहें स्वामी?ये समाचार देख देखकर दिन में खाया नहीं जाता रात में नींद नहीं आती है। सांसारिक अपनों से दुख तक्लीफ पाए हुए सताए हुए लोग आपके धाम में अपनी अपनी वेदनाएँ बताने ही तो जाते हैं यदि आपको अपना न मानते तो क्यों जाते लोग! प्रभु आपसे प्रार्थना है आपके चरणों में शरीर सौंपने वाले श्रृद्धालुओं को अपने ही चरणों में चिर निवास दो प्रभु कृपा करो ।
भूकंप से हताहत लोगों के लिए हमारी और से हार्दिक संवेदनाएँ !
जो भी हमारे भाई बहन हमारे भूकंप में घायल हुए हैं ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें शीघ्र स्वास्थ्य लोभ हो जो लोग काल कवलित हैं उन्हें ईश्वर अपने चरणों में शरण दे, जिनके स्वजन बिछुड़ गए हैं ईश्वर उनके पास पड़ोस के सुरक्षित लोगों को ऐसी सद्बुद्धि दे कि वे उनका सहारा बनें ! जो लोग घबड़ाए हुए हैं ईश्वर उन्हें धैर्य दे जो संसाधन विहीन हुए हैं परमात्मा कृपा पूर्वक उन्हें जिजीविषा,आत्मीयता एवं आजीविका प्रदान करे । सरकारों को मातृवत प्रजापालन के कर्तव्य निर्वहन की सद्भावना प्रदान करे !
जो भी हमारे भाई बहन हमारे भूकंप में घायल हुए हैं ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें शीघ्र स्वास्थ्य लोभ हो जो लोग काल कवलित हैं उन्हें ईश्वर अपने चरणों में शरण दे, जिनके स्वजन बिछुड़ गए हैं ईश्वर उनके पास पड़ोस के सुरक्षित लोगों को ऐसी सद्बुद्धि दे कि वे उनका सहारा बनें ! जो लोग घबड़ाए हुए हैं ईश्वर उन्हें धैर्य दे जो संसाधन विहीन हुए हैं परमात्मा कृपा पूर्वक उन्हें जिजीविषा,आत्मीयता एवं आजीविका प्रदान करे । सरकारों को मातृवत प्रजापालन के कर्तव्य निर्वहन की सद्भावना प्रदान करे !
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