Sunday, April 20, 2014

भाजपा नेता के बयान से पार्टी की किसी चूक का बदला चुकाया गया सा लगता है !

इसी प्रकार से सोसल मीडिया तक में भी लोग पार्टी को अपमानित करने वाले बयान,आचरण या अभद्र टिप्पणियाँ करके पार्टी के सुसंस्कारों की खिल्ली उड़ाने का मौक़ा दे रहे हैं !"जो गुड़ दीन्हें मरत हो क्यों बिष दीजै ताहि"किसी की प्रशंसा करके उससे बदला लेने की पुरानी परंपरा का ही उदाहरण तो ये नहीं है !

      केवल बिहार के ही एक नेता जी  नहीं अपितु ऐसे कई लोग अपने गंभीरता बिहीन  आचरणों एवं वक्तव्यों से जाने अनजाने में मोदी विरोधियों को मदद पहुँचाने का काम कर रहे हैं आखिर क्यों ऐसे लोग मोदी जी के किए कराए परिश्रम पर पानी फेरते जा रहे हैं ! जिन बयानों से पार्टी को शर्मिन्दा होना पड़े ऐसी बातों बयानों से बचा जाना चाहिए !

      वैसे भी किसी भी लोकतान्त्रिक देश में हर नागरिक को अपनी राय रखने का एवं विचार व्यक्त करने का स्वतन्त्र अधिकार होता है उससे यह कैसे कहा जा सकता है कि यदि आप हमारे जैसा नहीं सोचते हैं  अर्थात मोदी जी के समर्थन में बातें  नहीं करते हैं तो आप पाकिस्तान परस्त हैं !

    इस सारे प्रकरण के विषय में सोच कर आज  मुझे अचानक एक घटना याद आ गई मुझे नहीं पता कि वो कितनी प्रमाणित है किन्तु जो मैंने सुना वो ये है -

    आज के करीब तीन महीने पहले किसी कल्पित हिन्दू संगठन के एक मीडिया चर्चित युवा नेता ने आकर अपना नाम न बताने की शर्त पर हमें बोला था कि सत्ताधारी पार्टी से सम्बन्ध रखने वाले एक प्रसिद्ध बाबा जी ने उसे ठीक सा आर्थिक लालच देकर एक काम करने को कहा है तो मैंने पूछा क्या तो उसने बताया कि वो कह रहे थे कि वोटिंग होने के कुछ दिन पहले तुम्हें एक काम करना है कि लाल कपड़े पहनकर चन्दन वंदन लगाकर भाजपा का झंडा लिए हुए संसद के पास जाना है और 'अबकी बार मोदी सरकार' का नारा लगाते हुए संसद परिषर के पास तक चिल्लाते हुए पहुँच जाना वहाँ पहुँचने पर पुलिस तुम्हें पकड़ लेगी पत्रकार तुम्हें घेर कर पूछेंगे की तुम कौन हो ऐसा तुमने क्यों किया है तो तुम अपने संगठन हिंदू ..... अादि आदि का परिचय देना और शोर मचा मचाकर कहना कि 'अबकी बार मोदी सरकार ' और मोदी  सरकार बनते ही मुशलमानों की खैर नहीं भला चाहते हो तो पाकिस्तान भाग जाओ !

  बस इतना करने का उसे पेमेंट मिलना था इससे मुशलमानों के मन में मोदी जी को लेकर शंका होगी इससे भाजपा का खेल कुछ हद तक बिगाड़ा जा सकता है !

        इसी प्रकार से उसने दूसरी बात बताई  कि सत्ता धारी पार्टी की ओर से कुछ लोग फेस बुक आदि सोशल मीडिया पर सक्रिय किए जा रहे हैं उन्हें केवल इतने काम का पेमेंट किया जा रहा  है कि वे मोदी जी के प्रति हमदर्दी दिखाएँगे और बातों व्यवहारों में लगेगा कि वे मोदी जी के बहुत बड़े शुभ चिंतक हैं किन्तु फेस बुक पर भाजपा के ही कमल वाले चित्र लगाकर मोदी जी की भक्ति का नाटक करते हुए उनकी चाटुकारिता में उनके विरोधियों को गन्दी गन्दी गालियाँ या बातें लिखेंगे एवं और भी ऐसा बहुत सारा दुराचरण फैलाएँगे ताकि समाज में मोदी जी के प्रति घृणा का वातावरण पैदा हो !यह सब सुनकर मैंने उसे मना किया यद्यपि उसकी भी ऐसा कुछ करने की रूचि नहीं थी क्योंकि वो मोदी जी के प्रति स्वयं भी निष्ठा रखता था । 

        इस प्रकरण से केवल इतना ही लग रहा है कि भाजपा के विरोधी जो सोच रखते हैं यदि वैसी आवाजें पार्टी के अंदर से ही आने लगेंगी तो ये चिंता का विषय जरूर है ।

     मेरे  साथ भी आज ऐसा ही कुछ हुआ ऐसे ही किसी भाजपा विरोधी विचारधारा के प्राणी ने  मोदी जी का पक्ष लेने का नाटक करते हुए किसी कमेंट  में गालियों का प्रयोग किया था जिस उद्दंडता पर मैंने उसी क्षण अपनी मित्र सूची से खदेड़ कर उसे बाहर कर दिया और उसे शक्त सन्देश भी दिया ! यथा -

       "अपने कमेंट में गाली का शब्द प्रयोग करने के कारण .......  जी आप की मित्र सूची से मैंने अपने को अलग कर लिया है !
      हमारे साथ जुड़ने के लिए आपको भाषाई शिष्टाचार तो सीखना पड़ेगा अब हमारे पास इतना समय कहाँ है कि किसी को बात चीत करना भी समझाऊँ ! संभव है कि आप हमारी ही नहीं हमारे साथ जुड़े किसी भी मित्र की बात को न पसंद करते हों किन्तु उसके लिए भी अभद्र टिप्पणियाँ सहीं नहीं जा सकेंगीं ! महोदय ! इंसानों के बीच रहने उठने बैठने के लिए इंसानी भाषा में अपना विरोध दर्ज करना सीखिए ! वैसे भी मैं मित्र मंडली में किसी के साथ भी सम्मिलित होने से पूर्व  उसकी शिक्षा एवं उसके क्रिया कलाप आदि देखकर ही उससे जुड़ता हूँ फिर भी आपको पहचानने में मुझसे गलती हुई है जिसकी सारी जिम्मेदारी  अपने ऊपर लेते हुए मैं अपने आपको आपसे अलग करता हूँ !


         मैं सभी भाजपा के समर्पित सेवकों से निवेदन करता हूँ कि अपने आस पास छिपे हुए इस प्रकार के भाजपा द्रोहियों से सतर्क रहकर गाली गलौच समेत उस समस्त  भाषा व्यवहार का बहिष्कार कीजिए जिसमें संस्कारों की सुगंध न हो !अपनी मित्र सूची में संभ्रांत लोगों से विचार व्यवहार करने में ही भलाई है

 

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