1. अपनी डफली अपना राग - मुण्डे मुण्डे मतिर्भिन्ना ।
2. का बरखा जब कृषि सुखाने - पयो गते किं खलु सेतुबन्धनम्।
3. अंधों में काना राजा - निरस्तपादपे देशे एरण्डोपि द्रुमायते।
4. अधजल गगरी छलकत जाए - अर्धोघटो घोषमुपैति शब्दम् ।
5. एक पंथ दो काज - एका क्रिया द्वयर्थकरी प्रसिद्धा।
6. आंख का अंधा नाम नयनसुख - भिक्षार्थं भ्रमते नित्यं नाम किन्तु धनेश्वरः।
7. काल करे सो आज कर, आज करे सो अब - श्वः कर्तव्यानि कार्याणि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान्।
8. जैसी करनी वैसी भरनी - यो यद् वपति बीजं लभते तादृशं फलम्।
9. पर उपदेश कुशल बहुतेरे - परोपदेशे पाण्डित्यं सर्वेषां सुकरं नृणाम् ।
10. मुंह में राम बगल में छुरी - विषकुम्भं पयोमुखम्।
11. भूखा क्या नहीं करता - बुभुक्षितः किं न करोति पापम्।
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