केंद्र सरकार और सपा की तकरार
सांप्रदायिक शक्तियों का भय दिखाकर समर्थन लेना या देना ये देश एवं समाज के साथ न केवल धोखा अपितु घोर अन्याय भी है जब तक सेटिंग चलती रहे तब तक सांप्रदायिक शक्तियों के नाम पर देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को अपमानित करते रहना और बड़े से बड़े घोटाले भ्रष्टाचार सहते रहना क्या न्याय है?अपराधों, हत्याओं, बलात्कारों के झंझावातों में शांत रहना क्या न्याय है?जब सरकारी जाँच एजेंसियों की तोप का मुख अपनी ओर तान दिया जाए तब शोर मचाना यह क्या देश और समाज के हित में माना जा सकता है? आखिर पहले किए जा रहे घोटालों में मौन को क्या मौनं स्वीकार लक्षणम् मान लिया जाए?
जनता के समर्थन से जीत कर आई देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को अपमानित एवं दुष्प्रचारित करते हुए और बड़े से बड़े घोटाले भ्रष्टाचार सहते रह जाना सरकार समर्थक छोटे दलों की आखिर कौन सी मज़बूरी है?
सांप्रदायिक पार्टी के नाम पर दुष्प्रचारित भाजपा से ही विराट व्यक्तित्व एवं अतुलनीय सद्गुणों के धनी अमित यशस्वी अटल जी जैसे प्रधान मंत्री देश को मिले हैं जिनके निर्भीक सुशासन की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है।भाजपा की ही कई अन्य प्रदेशों में भी सरकारें हैं जो न केवल सफलता पूर्वक संचालित हैं अपितु जनता उन्हें दूसरी बार भी चुन कर भेज रही है।ये उनके सुशासन का ही परिणाम है।आखिर वहाँ कौन सी आफत आ रही है?दूसरी ओर तथाकथित धर्म निरपेक्ष सरकारें एवं उनका शासन भी जनता देख और सह रही है।
ऐसी परिस्थिति में जनता के निर्णय को नकारते हुए किसी को किसी भी दल के विषय में भारतीय जनमानस में मिथ्या भ्रम का सृजन नहीं करना चाहिए।
अभी कुछ दिन पहले भी ऐसा ही देखने सुनने को मिला जब पूरा देश होली के रंग में मदमस्त था, तब मुलायम सिंह जी ने सैफई में कांग्रेस को चालाक, ठग और धोखेबाज कहा है।
जनता के समर्थन से जीत कर आई देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को अपमानित एवं दुष्प्रचारित करते हुए और बड़े से बड़े घोटाले भ्रष्टाचार सहते रह जाना सरकार समर्थक छोटे दलों की आखिर कौन सी मज़बूरी है?
सांप्रदायिक पार्टी के नाम पर दुष्प्रचारित भाजपा से ही विराट व्यक्तित्व एवं अतुलनीय सद्गुणों के धनी अमित यशस्वी अटल जी जैसे प्रधान मंत्री देश को मिले हैं जिनके निर्भीक सुशासन की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है।भाजपा की ही कई अन्य प्रदेशों में भी सरकारें हैं जो न केवल सफलता पूर्वक संचालित हैं अपितु जनता उन्हें दूसरी बार भी चुन कर भेज रही है।ये उनके सुशासन का ही परिणाम है।आखिर वहाँ कौन सी आफत आ रही है?दूसरी ओर तथाकथित धर्म निरपेक्ष सरकारें एवं उनका शासन भी जनता देख और सह रही है।
ऐसी परिस्थिति में जनता के निर्णय को नकारते हुए किसी को किसी भी दल के विषय में भारतीय जनमानस में मिथ्या भ्रम का सृजन नहीं करना चाहिए।
अभी कुछ दिन पहले भी ऐसा ही देखने सुनने को मिला जब पूरा देश होली के रंग में मदमस्त था, तब मुलायम सिंह जी ने सैफई में कांग्रेस को चालाक, ठग और धोखेबाज कहा है।
चूँकि होली के रंग के मदमस्त माहौल में मुलायम सिंह जी ने जो कुछ कांग्रेस के विषय में कहा है या यूँ कह लिया जाए कि होली के मस्त माहौल में
केंद्र सरकार के गालों पर गालियों का गुलाल मल रहे हैं मुलायम सिंह
जी!लगता है कि उनके बयान को सरकार ने भी उसी स्नेह से स्वीकार किया है।आखिर
इस सरकार के देवर जो ठहरे नेता जी !सरकार की हर मुसीबत में काम आते हैं।आगे
भी इनका ही सहारा है।इसी बहाने कांग्रेस भी होली महोत्सव का आनंद ले रही है।होली और विवाह में तो गालियाँ भी उसे ही दी जाती हैं जिससे प्रेम अधिक होता है।
वैसे भी देवर भाभी की लड़ाई कोई लड़ाई होती है? वो भी होली के मौके पर! और
यदि हो भी जाए तो देवरों का क्या भाभी की एक मुसुकान पर सब कुछ कुर्वान
करने को तैयार हो जाते हैं अर्थात सारा समर्थन का टोकरा लिए पीछे पीछे
घूमने लगते हैं किसी ने माँगा हो न माँगा हो किन्तु समर्थन है कि बहने लगता
है रुकने का नाम ही नहीं लेता है।यू.पी.ए.सरकार के प्रथम गठन की बात तो सबको याद होगी जब बिना माँगे ही सरकार के सहयोग में सपा
का समर्थन एकदम पूरा छलक रहा था।बात और है कि बिना बुलाए पहुँचने के कारण
थोड़ा उपहास जरूर हुआ था किन्तु यह रिश्ता ही ऐसा है यहाँ सब कुछ चलता है।
यह भारत वर्ष है यहाँ देवर भाभी के रिश्ते पर बड़ी कविता कहानी किताबें आदि
लिखी गई होंगी आगे भी लिखी जाती रहेंगी।आगे भी ऐसा ही चलता रहेगा।
धर्म निरपेक्षता रूपी मधुर मुसुकान पर मोहित होकर देवरों का क्या यू.पी.ए. तृतीय सरकार के गठन के समय भी समर्थन जारी रहेगा। देवर भाभी के इस अमर रिश्ते को हमारा भी अभिनन्दन !
धर्म निरपेक्षता रूपी मधुर मुसुकान पर मोहित होकर देवरों का क्या यू.पी.ए. तृतीय सरकार के गठन के समय भी समर्थन जारी रहेगा। देवर भाभी के इस अमर रिश्ते को हमारा भी अभिनन्दन !
यदि ऐसा न होता तो मुलायम सिंह जी को सरकार से सीधे समर्थन वापस लेना चाहिए था देश को बताने की क्या जरूरत?
माननीय नेता जी! यदि वास्तव में कांग्रेस पार्टी चालाक,ठग और धोखेबाज है!तो इसका अनुभव आपको इतने वर्षों बाद क्यों हुआ?और यदि आपका यह अनुमान सच है कि इस काँग्रेस की प्रवृत्ति में ही चालाकी,ठगी तथा धोखेबाजी आदि
दुर्गुण हैं तो जब आप इतने तिलमिलाए हैं तो इतने वर्षों में देश की क्या
कुछ दुर्दशा नहीं हुई होगी!आखिर उसके लिए कौन जिम्मेदार है?अपनी अपनी
पार्टी के विषय में हर कोई सोचता है आखिर देश के विषय में कौन सोचेगा?इस सरकार के विषय में चालाकी, ठगी तथा धोखेबाजी आदि
जिस सच का बखान आपने अपने श्री मुख से किया है उससे हुए नुकसान की भरपाई
कैसे होगी उसमें भी जो सरकार आपके समर्थन पर चल रही हो। इसलिए इसप्रकार
की काँग्रेसी चालाकी, ठगी तथा धोखेबाजी
आदि से देश का जितने प्रतिशत नुकसान हुआ होगा उसमें उतने प्रतिशत आप
भी सहभागी मानें जाएँगे! यह स्वतः सिद्ध है बल्कि ऐसे प्रकरणों में समर्थन
देने वाले को अधिक दोष लगता है।शास्त्र में ऐसे तीन दान बताए गए हैं जिन्हें देने वाला दोषी होता है इसलिए नर्क जाता है ऐसा शास्त्र प्रमाण है यथा -
1. महात्मा को सोना दान देने वाला
2. ब्रह्मचारी को पान देने वाला
3. दोषी को समर्थन देने वाला
यतये काञ्चनं दत्वा ताम्बूलं ब्रह्मचारिणा |
दोषिभ्यो अभयं दत्वा दातापि नरकं ब्रजेत् ||
इसी प्रकार कुछ दिन पहले मुलायम सिंह जी एन. डी.ए. सरकार और बीजेपी के सीनियर नेता आडवाणी जी की तारीफ कर रहे थे।जबकि समर्थन यू.पी.ए. सरकार को दे रहे हैं|इसकी भी शास्त्र निन्दा करते कहते हैं कि सज्जन लोग मन से जो सोचते हैं वाणी से वही बोलते हैं और आचरण में वही करते भी हैं यथा -
मनस्येकं बचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम् ||
1. महात्मा को सोना दान देने वाला
2. ब्रह्मचारी को पान देने वाला
3. दोषी को समर्थन देने वाला
यतये काञ्चनं दत्वा ताम्बूलं ब्रह्मचारिणा |
दोषिभ्यो अभयं दत्वा दातापि नरकं ब्रजेत् ||
इसी प्रकार कुछ दिन पहले मुलायम सिंह जी एन. डी.ए. सरकार और बीजेपी के सीनियर नेता आडवाणी जी की तारीफ कर रहे थे।जबकि समर्थन यू.पी.ए. सरकार को दे रहे हैं|इसकी भी शास्त्र निन्दा करते कहते हैं कि सज्जन लोग मन से जो सोचते हैं वाणी से वही बोलते हैं और आचरण में वही करते भी हैं यथा -
मनस्येकं बचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम् ||
सपा मुखिया मुलायमसिंह यादव जी ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ
करते हुए कहा कि वे कभी झूठ नहीं बोलते।आदरणीय नेता जी यदि आदरणीय आडवाणी
जी की सत्य वाणी पर आपको इतना ही भरोसा होता तो उनके हिसाब से आप
इस सत्तासीन दल को बहुत पहले पहचान चुके होते इतना समय न लगता !
गौरतलब है कि मुलायम सिंह जी कांग्रेस को धोखेबाज तब कह रहे हैं जब उनकी पार्टी के समर्थन की वजह से ही केंद्र में कांग्रेस की सरकार चल रही है। वह पिछले 9 सालों से यू.पी.ए. के साथ हैं।
गौरतलब है कि मुलायम सिंह जी कांग्रेस को धोखेबाज तब कह रहे हैं जब उनकी पार्टी के समर्थन की वजह से ही केंद्र में कांग्रेस की सरकार चल रही है। वह पिछले 9 सालों से यू.पी.ए. के साथ हैं।
1.यू.पी.ए.एक में जब लेफ्ट पार्टियों ने
न्यूक्लियर डील पर समर्थन वापस लिया था तो मुलायम सिंह ही मनमोहन सरकार के
तारनहार बने थे।
नेता जी! क्या यह सच नहीं है कि केंद्र में आप भले कांग्रेस के साथ हैं
लेकिन लोकसभा चुनाव के समय उत्तर
प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ ही चुनाव लड़ेंग?ऐसे मेंआप लोगों के बीच
दिखाना चाहते हैं कि उनकी पार्टी भले केंद्र में कांग्रेस का
समर्थन कर रही है लेकिन कई मुद्दों पर विरोध है?
मुलायम सिंह जी! आपकी भाषा
कांग्रेस के प्रति तल्ख हो रही है लेकिन समर्थन वापसी पर कोई सख्त फैसला
लेने से आप अभी भी जिन कारणों से बच रहे हैं जनता वह सबकुछ समझती है फिर भी वोट डालना, अखवार पढ़ना ,न्यूज़ देखना और सबका सब कुछ सुनना उसकी भी मज़बूरी है ।
वैसे भी जनता को जनार्दन कहा जाता है। जनार्दन तो भगवान का नाम है भगवान से कुछ छिपाया नहीं जा सकता और भगवान को मजबूर समझने की भूल किसी को नहीं करनी चाहिए !
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