Monday, February 23, 2015

-मुस्लिम भाई एक दिन में पांच बार योग करते हैं !

-मुस्लिम भाई एक दिन में पांच बार योग करते हैं !

                                           डॉ. मुरली मनोहर जोशी

      किंतु आदरणीय जोशी जी के इस योगबचन को उदारता पूर्वक समझा जाना चाहिए कि योग का अर्थ यदि सिर्फ उठना बैठना और परिश्रम करके पसीना बहाना है तो किसान और मजदूरों के बराबर योगी कोई नहीं हो सकता जो देश के करोड़ों लोगों का पेट भरने के लिए दिन रात उठक बैठक करते और पसीना बहाते हैं सच्चे योग गुरु तो वो बैल भैंसे गधे घोड़े ऊँट आदि होते हैं जो परिश्रम पूर्वक पसीना बहाकर मानवता की सेवा करते हैं

 कामचोर धनलोभी योगियों से कर्मठ योगी लाख गुना अच्छे होते हैं !जिनके परिश्रमयोग से औरों के जीवन का बोझ कम होता है जिन्हें देखकर ईमानदारी पूर्वक परिश्रम करने से भूख जगती है और परिश्रम के फल से न केवल अपने को अपितु औरों को भी भोजन मिलता है !



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