Friday, February 15, 2013

Dr.Shesh Narayan Vajpayee डॉ. शेष नारायण वाजपेयी,

 
डॉ.शेष नारायण वाजपेयी 
वैदिक मौसम वैज्ञानिक 
वैदिक भूकंपवैज्ञानिक 
वैदिक वर्णवैज्ञानिक
वैदिक प्राकृतिक रोगवैज्ञानिक 
 संस्थापकः-  राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान seemore....http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2014/06/blog-post_3979.html
हमारी शिक्षा -
व्याकरणाचार्य (एम.ए.)संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
ज्योतिषाचार्य (एम.ए.ज्योतिष)संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम.ए. हिन्दी कानपुर विश्व विद्यालय
पी.जी.डिप्लोमा पत्रकारिता ,उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी
पी.एच.डी. हिन्दी (ज्योतिष)बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी बी. एच. यू. वाराणसी(काशी हिंदू विश्वविद्यालय ) 
  
 जीवन का मुख्य लक्ष्य : आजीवन सरकारी या निजी नौकरी न करने का व्रत लेकर ज्योतिष आयुर्वेद योग आदि समस्त वेदविज्ञान के आधार पर जलवायुपरिवर्तन, पर्यावरण, मौसम, भूकंप,स्वास्थ्य  एवं महामारी आदि प्राकृतिक घटनाओं के घटित होने का कारण खोजने के लिए एवं ऐसी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने के बिषय में अनुसंधानकार्य हेतु समर्पित भावना से कार्य करते हुए मानवता की सेवा करने का लक्ष्य |
 कोरोना महामारी के विषय में विस्तृत जानकारी के साथ -
    संक्रमितों की संख्या बढ़ने और घटने के बिषय में हमारे द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान सही सटीक घटित हुए हैं जो पीएमओ की मेल पर आज भी विद्यमान हैं | 
मौसम विज्ञान -
    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से संबंधित कार्यों के बिषय में प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया के द्वारा विभिन्न अखवारों में प्रकाशित करवाया गया अनुसंधानात्मक लेख : "मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान !'  see more....  https://navbharattimes.indiatimes.com/india/astrologers-claim-the-weather-as-well-as-forecasts-of-disturbing-events-are-telling-the-government/articleshow/73211738.cms 
 
 हमारे मौसम संबंधी अनुसंधान को सच मानने वाले निजीसंस्था स्काईमेट के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.रजनीश रंजन का परिचय !
Dr. R Ranjan, PhD,PGJMC,LLB
Vice President (Government Business & Disaster Management)
Senior Consultant, National Disaster Management Authority, Govt. of India  [former]
Special Advisor ,International Federation of Red Cross and Red Crescent Societies [former]
Programme Manager (e-learning),National Institute of Disaster Management [former]
Assistant Professor (Disaster Management) ,YASHADA, Pune [former]
Assistant Professor (Disaster Management) ,J&K IMPA,Jammu [former]
Landline  -91-120-4156504
Mobile - 91-9971767760
Skype-rajnishranjan70 
 डॉ.रजनीश रंजन जी के द्वारा मौसम विभाग के महानिदेशक  मृत्युंजय महापात्रा जी के लिए लिखा गया हमारे अनुसंधान के विषय में पत्र -
    To: Mrutyunjay Mohapatra <mohapatraimd@gmail.com>

Dear Sir,

My heartiest congratulations to you for assuming the highest and the prestigious position in your organization, which you really deserve. I have been one of the active spectator of your knowledge and skills  , who has seen you in different roles since long- As a Hard Core Scientist, A good orator on the subject, An excellent faculty, A dynamic communicator and head of the division and many more . Sir,  May god give you strength and enthusiasm so that you can continue your extra ordinary services to the nation . I shall be happy  and pleased to offer my support whenever required .

Further I would also like to introduce you with a qualified Astrologer Dr. Shesh Narayan Vajpayee (vajpayeesn@gmail.com) , to whom I came in contact recently and found him with a great capability of  forecasting weather with his Astrological Science . If you could desire to utilize his honorary services to your utility then he may be happily come to meet you for further discussion. May I request you to kindly listen to his techniques and model for further consideration in your system .

Thank you very much and warm regards.

Sincerely Yours ,

Rajnish Ranjan, PhD   Ex- Sr. Consultant 

NDMA ,M-9971767760

 विशेष: - वेद, पुराण, ज्योतिष, रामायणों तथा समस्त प्राचीन वाङ्मय एवं राष्ट्र भावना से जुड़े साहित्य का लेखन और स्वाध्याय
हमारेलिखी हुई पुस्तकें-
प्रकाशितः- पाठ्यक्रम की अत्यंत प्रचारित प्रारंभिक कक्षाओं की हिंदी  की किताबें
   कारगिल विजय (काव्य )
श्री राम रावण संवाद (काव्य )
श्री दुर्गा सप्तशती (काव्य अनुवाद )
श्री नवदुर्गा पाठ (काव्य)
श्री नव दुर्गा स्तुति (काव्य )
श्री परशुराम (एक झलक)
श्री राम एवं रामसेतु
(21 लाख 15 हजार 108 वर्षप्राचीन)
कुछ मैग्जीनों में संपादन, सह-संपादन, स्तंभ लेखन आदि।
अप्रकाशित साहित्यः- श्री शिव सुंदरकांड, श्री हनुमत सुंदरकांड,
संक्षिप्त निर्णय सिंधु, ज्योतिषायुर्वेद, श्री रुद्राष्टाध्यायी, वीरांगना द्रोपदी, दुलारी राधिका, ऊधौ-गोपी संवाद, श्रीमद्भगवद् गीताकाव्यानुवाद
रुचिकर विषयः- प्रवचन, भाषण, मंचसंचालन, काव्य लेखन, काव्य पाठ एवं शास्त्रीय विषयों पर नित्य नवीन खोजपूर्ण लेखन तथा राष्ट्रीय भावना के विभिन्न संगठनों से जुड़कर कार्य करना।
जन्म स्थानः- पैतृक गाँव - इंदलपुर, पो.- संभलपुर, जि.- कानपुर,उत्तर प्रदेश
तत्कालीन पता :
के -71, छाछी बिल्डिंग चौक,
कृष्णा नगर, दिल्ली-110051
मो. 9811226973, 9811226983 
ई - मेल : vajpayeesn @gmail.com 
वेवसाइट :www.drsnvajpayee.com
 
 वैदिकमौसमविज्ञान के कार्य :- उपग्रहों रडारों की मदद से मौसम वैज्ञानिक लोग आँधी     तूफानों एवं बादलों की जासूसी कर सकते हैं उनकी एक जगह उपस्थिति देखकर उनकी गति और दिशा के हिसाब से अंदाजा लगाकर उनके दूसरी जगह पहुँचने के विषय में तीर तुक्के लगा सकते हैं यदि हवा का रुख बदलता नहीं हैतो कभी कभी तीर तुक्के सही लग भी जाते हैं किंतु अधिकाँश गलत निकलते ही देखे जाते हैं जिनके लिए जलवायुपरिवर्तन का बहाना बनाया जाता है जो कोरी कल्पना मात्र है |इसीलिए मानसून आने जाने की तारीखें दीर्घावधि मौसम पूर्वानुमान आँधी तूफान के पूर्वानुमान आदि प्रायः गलत निकलते रहे हैं | इसका प्रमुख कारण मौसम संबंधी अध्ययनों के लिए किसी सही एवं सटीक पूर्वानुमानविज्ञान का न होना है |इसलिए वैदिक मौसम पूर्वानुमान संबंधी अनुसंधानों की आवश्यकता समझ कर इस पद्धति से मौसम संबंधित अनुसंधान किए जाते रहे हैं जिसके आधार पर दसहजार(10000) वर्ष  आगे तक के मौसम सम्बन्धी घटनाओं के पूर्वानुमान लगा लिए जाते हैं|यह गणित संबंधी वही अनुसंधान विधा है जिसके द्वारा हमारों वर्ष पहले सूर्य चंद्र संबंधी ग्रहणों का सही एवं सटीक पूर्वानुमान लगा लिया जाता है | 
वैदिकभूकंप विज्ञान के कार्य:- भूकंप संबंधी किसी भी वैज्ञानिकपद्धतिका कोई भी संबंध अभी तक भूकंपसंबंधी घटनाओं के साथ वैज्ञानिक रूप में प्रमाणित नहीं किया जा सका है भूमिगत गैसों या प्लेटों केआपस में टकराने की काल्पनिक कहानियों का कोई ऐसा तर्कसंगत वैज्ञानिक आधार नहीं है जिसके आधार परभूकंपों के विषय में कभी कुछ बताया जा सका हो जो तर्क की कसौटी पर खरा उतर सका हो| इसलिए वैदिक भूकंपविज्ञान के द्वारा गणितागतपद्धति से सभीप्रकार के भूकंपों के विषय में बहुत कुछ पूर्वानुमान लगाया जा सकता है| 
वैदिक वर्णविज्ञान के कार्य:- प्रत्येक व्यक्ति वस्तु स्थान  देश  शहर नगर गाँव मोहल्ला संस्था संस्थान संगठन राजनैतिक दल साहित्यिकग्रंथ फिल्में,काव्य ,नाटक आदि प्रत्येक छोटे से छोटे या बड़े से बड़े अंश में न केवल सारी अच्छाइयाँ होती हैं और न ही सारी बुराइयाँ होती हैं वस्तुतः संसार की समस्त वस्तुएँ उन्हीं अच्छाइयों बुराइयों का  ही सम्मिश्रण हैं |  जिसे जो व्यक्ति वस्तु स्थान  देश  शहर नगर आदि जितने अच्छे लगते हैं उन्हें वह उतना अच्छा मान लेता है जो जिसे अच्छे नहीं लगते हैं वो उन्हें उतना ख़राब मान लेता है |अच्छा और बुरा लगने का कारण उन सबका अपने अपने नाम का पहला अक्षर होता है | नाम के पहले अक्षर के अनुशार लोगों का स्वभाव होता है | उस व्यक्ति वस्तु स्थान  देश  शहर आदि के लोगों  के नाम के पहले अक्षर के साथ जितना अच्छा संबंध होता है उन दोनों के आपसी संबंध भी उतने ही मधुर होते देखे जाते हैं | वही नगर गाँव मोहल्ला संस्था संस्थान संगठन राजनैतिक दल साहित्यिकग्रंथ फिल्में,काव्य ,नाटक आदि  पहली पसंद होता है वहीँ उसका मन लगता है | नाम के पहले अक्षर के अनुशार ही मित्र शत्रु बनते हैंउसी के अनुशार देश शहर नगर गाँव मोहल्ले  आदि स्थान  अच्छे या बुरे लगने लगते हैं | जिन दो या दो से अधिक अक्षरों का स्वभाव एक दूसरे वर्ण से मिल रहा होता है उन दोनों अक्षरों वाले लोगों के मन में एक दूसरे के प्रति दोष देखने की दृष्टि नहीं रह जाती है अपितु आपस में एक दूसरे केअंदर दिखाई पड़ने वाले दुर्गुणों में भी गुण खोज लिए जाते हैं और एक दूसरे से मित्रता बढ़ती चली जाती है और जिन वर्णों का स्वभाव एक दूसरे से विपरीत होता है वे एक दूसरे की अच्छाइयों में भी बुराइयाँ खोजते खोजते एक दूसरे के शत्रु होते चले जाते हैं |  |  इस प्रकार से वैदिक वर्ण विज्ञान के आधार पर बिखरते समाज तथा  टूटते परिवारों एवं बिगड़ते संबंधों को सुधारने की दृष्टि से अनुसंधान किए जाते हैं| see more... https://www.drsnvajpayee.com/index.php/relation/58-2018-10-03-06-15-31
 
वैदिकसमय विज्ञान के कार्य:- https://www.drsnvajpayee.com/index.php/2019-02-23-13-39-44
 
आदरणीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एवं श्री श्याम बिहारी मिश्र जी के साथ 
आचार्य डॉ.शेष नारायण  वाजपेयी

श्रद्धेय श्री रज्जू भइया जी के साथ आचार्य डॉ.शेष नारायण वाजपेयी 


आदरणीय  डॉ. मुरली मनोहर जोशी जी के साथ 
आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी                श्रीमान कुशाभाऊ ठाकरे जी के साथ आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी
श्रीमती सुषमा स्वराज जी के साथ आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी
        श्री मदनलाल खुराना जी के साथ आचार्य डॉ.शेष नारायण वाजपेयी




                                          




                            
                                                                                                                                                                                   मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगाना संभव नहीं !

 दूसरा ...... 

 आप स्वयं  देखिए ... https://epaper.livehindustan.com/imageview_484316_46643970_4_1_06-01-2020_8_i_1_sf.html


  विशेष बात :आप अवश्य पढ़िए -
             वैदिक विज्ञान को विज्ञान न मानने वालों की सच्चाई आप भी एक बार अवश्य पढ़ें कुछ पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित लेख -और मौसम पूर्वानुमान !
     यह भारत का सबसे प्राचीन विज्ञान है इसमें प्रकृति से लेकर जीवन तक सबके रहस्य छिपे हुए हैं यह जानते हुए भी सरकारी मशीनरी इसे विज्ञान नहीं मानती है ?आखिर रोजी रोटी का सवाल जो है | 
   जिस मौसमविज्ञान के नाम पर मंत्रालय बनाए जाते हैं मंत्री नियुक्त किए जाते हैं मौसम वैज्ञानिक बताकर लोगों को बड़े बड़े ओहदों  पर बैठाया जाता है उन्हें भारी भरकम सैलरी दी जाती है उनके अनुसंधानों के नाम पर करोड़ों रूपए पानी की तरह बहा दिए जाते हैं मंत्रालयों के संचालन में करोड़ों रूपए लगा दिए जाते हैं इतना सब करने के बाद भी उनके द्वारा लगाए जाने वाले दीर्घावधि मौसम पूर्वानुमान गलत निकल जाते हैं !मानसून आने जाने की तारीखें गलत निकल जाती हैं |ऐसे अनुसंधान कर्ताओं और उनके तामझाम पर इतना धन खर्च किए जाने का औचित्य क्या है ? जनता के टैक्स के पैसों से ये सब खेल खेला जाता है आखिर किस लिए ?इसकाम में यदि वेद विज्ञान सहायक हो सकता है और इनकी अपेक्षा उसमें खर्च भी बहुत कम लगता है इसके बाद भी सरकार उसमें रूचि नहीं लेती है क्यों ?इसविषय में सच्चाई  अवश्य पढ़िए  ....       

जनसत्ता के पेज - 7 पर -
ज्योतिषी का दावा, मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान भी बता रहे हैं केंद्र सरकार कोsee more....
https://epaper.jansatta.com/2508300/Jansatta/13-January-2020?fbclid=IwAR3uHqAiU1rYP81z6DSWs5lX0LA_IN0f_roA_w7cLsBOLygazUnJsErPkaI#page/7/2

नव भारत में -मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान !
    https://navbharattimes.indiatimes.com/india/astrologers-claim-the-weather-as-well-as-forecasts-of-disturbing-events-are-telling-the-government/articleshow/73211738.cms 


 ABP news
ज्योतिषी का दावा: मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान भी बता रहे हैं सरकार को। ... https://www.abplive.com/news/india/weather-to-disturbing-events-every-forecast-is-telling-govt-astrologer-1277275
  
इण्डिया न्यूज -
ज्योतिषी का दावा: मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान भी बता रहे हैं सरकार को। ........ https://navbharattimes.indiatimes.com/india/astrologers-claim-the-weather-as-well-as-forecasts-of-disturbing-events-are-telling-the-government/articleshow/73211738.cms

पंजाब केशरी -मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान...... https://www.punjabkesari.in/national/news/from-weather-to-disturbing-events-every-forecast-is-telling-govt-astrologer-1110219 

R.भारत - मौसमी घटनाएँ -

 webdunia.

   सोमवार, 13 जनवरी 2020 :ज्योतिषी का दावा, मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान भी बता रहे हैं केंद्र सरकार कोsee more ....  https://hindi.webdunia.com/national-hindi-news/weather-to-disturbing-events-every-forecast-is-telling-govt-astrologer-120011200023_1.html

asianetnews.........मौसम के साथ

ज्योतिषी का दावा, मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान भी बता रहे हैं केंद्र सरकार को ....... 

 The  Print-ज्योतिषी का दावा,

web DuniA :ज्योतिषी का दावा,


The world  News------मौसम के साथ
मौसम ही नहीं सरकार को दंगे फसाद के पूर्वानुमान की भी जानकारी देते हैं, हैरान करने वाले हैं ज्योतिषी ...

Read more at: https://hindi.asianetnews.com/jyotish/astrologer-forecast-of-riots-to-the-government-kpm-q3zka8
मौसम ही नहीं सरकार को दंगे फसाद के पूर्वानुमान की भी जानकारी देते हैं, हैरान करने वाले हैं ज्योतिषी ...

Read more at: https://hindi.asianetnews.com/jyotish/astrologer-forecast-of-riots-to-the-government-kpm-q3zka8
मौसम ही नहीं सरकार को दंगे फसाद के पूर्वानुमान की भी जानकारी देते हैं, हैरान करने वाले हैं ज्योतिषी ...

Read more at: https://hindi.asianetnews.com/jyotish/astrologer-forecast-of-riots-to-the-government-kpm-q3zka8
                                                                
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Arogya Mela

Posted By:

Anon

Mon Feb 11, 2002 8:16 am  |

Friends,

Appended below is a news item on the "Arogya Mela" carried in the Hindustan

Times of 10th Feb.. The Mela is being organised by the Swadeshi Jagaran

Manch in New Delhi and is reportedly drawing huge crowds. It is reported to

have received funds drom the Ministries of Health, Chemicals and S&T! I feel

that the JSA should react to this. Please send your views.

Amit

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Banish the spirit, cure the ‘disease’ at Arogya mela

Sutirtho Patranobis

(New Delhi, February 9)

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If you have a stomach problem or a throbbing headache, look behind.

According to Dr Shesh Narayan Vajpayee, an astrologer who looks up to the

planets to treat patients, ‘spirits’ often follow people around and are

responsible for prolonged illnesses.

These ‘spirits’ are mischievous as well, Vajpayee says. “They are aware when

the person is going for a check-up. So, they disappear and the test results

come out normal. Step out of the clinic, the spirit is back,” he says,

rather seriously. The only way you can get rid of them is to perform ‘puja

and havan’ and appease the planets.

Vajpayee is busy these days at the Swadeshi Arogya Mela at the Jawaharlal

Nehru Stadium, catering to people waiting to get their hands and bodies

checked. The Mela has been organised by the Centre for Bharatiya Marketing

Development (CBMD)—a unit of Swadeshi Jagran Foundation—and National Medicos

Organisation, an NGO.

The Government, according to a CBMD official has just provided logistical

support. The official, however, declines to comment on the financial

aspects, saying the details would be available after the fair concludes on

February 12.

Besides Vajpayee, numerous doctors and medical companies, dabbling in Indian

systems of medicine, have put up stalls at the Mela, which was inaugurated

on Thursday by Union Human Resources Development Minister Dr Murli Manohar

Joshi. Some are selling ayurvedic herbs to treat baldness and some others

are selling clothes made with ‘vastra vigyan’, designed to make the buyer

feel happy about life.

The fair is an attempt to spread awareness about the Indian systems of

medicine, says Delhi's former Health Minister Dr Harsh Vardhan. “Even if

‘health for all’ has not been achieved so far, we want to show that Indian

systems of medicine have the potential to cure many diseases,” he says.

Vajpayee, meanwhile, says the premise of his treatment is that diseases are

related to planetary movement.




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