Sunday, August 22, 2021

मुहूर्त

 

 

 @RajatSharmaLive जी ! ट्रेन के टाइमटेबल की तरह ही मुहूर्त होता हैजैसे हर समय ट्रेन नहीं चलती उसी प्रकार से हर समय हर काम करने का मुहूर्त नहीं होता | मुहूर्त बिना देखे काम करने वालों को काम होने लायक समय आने तक का इंतजार करना पड़ता है मुहूर्त देखकर काम करने से काम तुरंत बनना शुरू हो जाता है |

 

 @RajatSharmaLive जी ! बिना समय सारिणी पता किए जो लोग स्टेशन पर आ जाते हैं उन्हें ट्रेन आने तक के समय की प्रतीक्षा करनी होती है|जिन्हें समय सारिणी विषय में पता होता है वे समय से आते और तुरंत ट्रेन में बैठ कर चले जाते हैं | उसी प्रकार से अच्छे मुहूर्त का समय होता है और वो कभी कभी आता है |

 

@RajatSharmaLive जी ! प्रकृति और जीवन में अच्छे मुहूर्त (समय) में अच्छी घटनाएँ और बुरे समय में बुरी घटनाएँ घटित होती हैं |मध्यमवर्गीय लोग अच्छे मुहूर्त (समय) की खोज करते हैं ताकि उनके काम में रुकावट न आए वे उधार धन लेकर व्यापार खड़ा करते हैं इसलिए वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते !

 @RajatSharmaLive जी ! प्रकृति और जीवन में अच्छे मुहूर्त (समय) में अच्छी घटनाएँ और बुरे समय में बुरी घटनाएँ घटित होती हैं |मध्यमवर्गीय लोग अच्छे मुहूर्त (समय) की खोज इसलिए करते हैं ताकि उनके काम में कोई रुकावट न आए वे उधार व्यवहार धन लेकर व्यापार खड़ा करते हैं इसलिए वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते !


@RajatSharmaLive जी ! प्रत्येक व्यक्ति का मुहूर्त (समय)  ही भाग्य है कर्म हमेंशा भाग्य के अनुशार ही फल देता है | बहुत लोग दिन रात परिश्रम करते हैं फिर भी भाग्य के बिना उनका जीवन संघर्ष करते करते बीत जाता है जबकि कुछ भाग्यवान लोग सामान्य प्रयासों से ही सफलता के शिखर चूमने में सफल हो जाते हैं क्योंकि भाग्य उनका साथ दे रहा होता है |


विज्ञान के बिना  

 

 

@RajatSharmaLive  जी ! मौसमसंबंधी पूर्वानुमान लगाने की प्रक्रिया में आधुनिक विज्ञान की कोई भूमिका ही नहीं है उपग्रहों रडारों से बादलों की जासूसी कर लेने में विज्ञान कहाँ है ?मुहूर्त विज्ञान वास्तव में विज्ञान है जिसके आधार मौसम संबंधी घटनाओं का सही सही पूर्वानुमान हजारों वर्ष पहले लगा लिया जाता है |  

मुहूर्त (समय) विज्ञान वह विज्ञान है जिसको समझे बिना महामारी का पूर्वानुमान आज तक नहीं लगाया जा सका है | इसीलिए महामारी का पूर्वानुमान लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने जितनी भी भविष्यवाणियाँ की हैं वे सारी झूठी निकली हैं जबकि हमने जो भी पीएमओ की मेल पर भेजी हैं वे सभी सही निकली हैं ! 

मुहूर्त (समय) विज्ञान के बिना महामारी मौसम एवं भूकंपों को समझना संभव ही नहीं है | पूर्वानुमान लगाने के लिए तो कोई विज्ञान है ही नहीं फिर भी ऐसेविषयों पर झूठ बोला जाता है | ये दस दिन पहले का मौसम पूर्वानुमान नहीं लगा सकते और हम दस हजार  

 अभाव में यह दुर्गति हो रही है !
भूकंप रडारों से दिखाई नहीं पड़ते इसलिए वैज्ञानिक बेचारे मजबूरी में गड्ढे खोदने में लगे हुए हैं |
 
 मुहूर्त (समय) विज्ञान के आधार पर ही मैं कर पा रहा हूँ |


 
किसी महीने का पूर्वानुमान
@RajatSharmaLive  जी !
कहाँ गई महामारी की तीसरी लहर
 
सही नीला
 
मुहूर्त (समय) विज्ञान पर ही मैंने BHU से रिसर्च किया है | हमारे द्वारा आगे से आगे लगाए गए महामारी से संबंधित पूर्वानुमान पीएमओ की मेल पर आज भी पड़े हुए हैं जो बिल्कुल सही निकले हैं जिसके गवाह अनेकों पत्रकार और राजनेता भी हैं आप अपनी ईमेल आईडी दो तो वही मेल आपको फारवर्ड कर दूँगा !


महामारी के विषय में 19 मार्च 2020 कि मेल में ही मैंने पीएमओ को भेज दिया था आप मेल भेजें तो आपको भी काफी कुछ

 

को न मानना ही है |

मुहूर्त (समय) ही सबकुछ है !इस सच को स्वीकार न कर पाने वाले आप जैसे पत्रकार लोग और चिकित्सक वैज्ञानिक आदि महामारी का कारण आज तक खोज नहीं पाए हैं दो वर्ष के बाद भी असहाय अपाहिज अनाथों की तरह तीसरी लहार की अफवाहें फैलाने में लगे हुए हैं इसके बाद भी आप जैसे लोगों का दिमाग इतना ख़राब है !
@RajatSharmaLive
 

 
 
बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी था जिसने संपूर्ण कोरोनाकाल  में किसी नियम की परवाह नहीं की उन्हें जो जहाँ जैसे हाथों से दिया गया वही खाते पहनते रहे सबको छूते रहे किंतु उन्हें एक दिन जुकाम भी नहीं हुआ क्यों ?
 
रहे एक जैसी चिकित्सा होने पर भी परिणाम चिकित्सक के हाथ नहीं अपितु मुहूर्त के ही हम में होता है
@RajatSharmaLive


 
भूकंप एक्सीडेंट महामारी आदि बड़ी बड़ी दुर्घटनाओं की चपेट में एक साथ बहुत लोग आ जाते हैं किंतु मरते वही हैं जिनके मरने का मुहूर्त आ चुका होता है में दुर्घटनाओं की चपेट में आने पर भी बहुत लोगों को खरोंच तक नहीं लगती यदि साहस है तो इसका कारण खोजिए न ! 

सच्चाई ये है कि बिना मुहूर्त में न कोई पैदा होता है और न ही मरता है | अन्यथा 
 
आपने 
 
आप तो थोड़ा बहुत पढ़े लिखे भी हो आपको 
 
 
   

 

No comments:

Post a Comment