Wednesday, December 18, 2013

मोदी जी की दाढ़ी मूँछ केवल दिखावे के लिए नहीं अपितु आवश्यक भी है

      आखिर ईश्वर ने कुछ सोच कर ही पुरुषों को  दाढ़ी मूँछ दिए होंगे  वह भी तब  जब कोई लड़का युवा हो जाता है ताकि वो अपने दाढ़ी मूँछ का महत्त्व समझ सके और उसका सम्मान सुरक्षित रख सके जिससे कोई ऐसा गलत काम न करे ताकि मुच्छ के बाल झुका कर चलना पड़े इसीलिए मर्द की पहचान और स्वाभिमान ही मुच्छ मानी जाती रही है पुराने सभी राजा महराजा  भी दाढ़ी मूँछ रखने वाले ही होते थे तब भ्रष्टाचार भी आज की अपेक्षा कम था ।

       पहले लोग फैशन भी अपनी इच्छा के अनुशार करते थे आज की तरह टेलीवीजन देखकर कोई अपनी जिंदगी नहीं जीता था क्योंकि वो तो नाटक खेलते हैं किन्तु उन्हें जो वास्तविक जीवन में धारण कर लेते है उन्हें दिक्कत होती है जैसे ठोढ़ी पर बाल रखाने वाले पहले व्यक्ति को हो सकता है कि यहाँ कोई दाग धब्बा रहा हो उसे ढकने के लिए उसने ठोढ़ी रखाई हो किन्तु जो लोग आज ठोढ़ी रखाते हैं उनकी तो ऐसी कोई मजबूरी नहीं है

   जिन   सिंहों के दाढ़ी मूँछ होती है उन्हें ही धुतकेशर कहते हैं ये सिंह उच्च कोटि के माने जाते हैं भगवती दुर्गा जी भी जिस सिंह की सवारी करती थीं वह भी धुत केशर ही था । 

    अतएव यह तो अपना अपना देखने का नजरिया है कि कोई किसको कैसा अच्छा लगता है किन्तु भ्रष्टाचार में फँसा देश अब एक दाढ़ी मूँछ वाला पूर्ण पुरुष ही प्रधान मंत्री के रूप में चाहता है खंडित नहीं !साथ ही यह भी चाहता है कि  दाढ़ी मूँछ  वह किसी धार्मिक मजबूरी में न रखता हो वह अपने, अपने समाज एवं अपने देश की रक्षा के लिए आत्म गौरव की भावना रखता हो इस भावना से यदि वह दाढ़ी मूँछ रखता है तो चित्रांगदा जी आपको अच्छा लगे न लगे किन्तु देश को अच्छा जरूर लगेगा क्योंकि देश अब तंग है अपूर्ण पुरुषों से ! इसलिए इन सभी अच्छाइयों  को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र  मोदी जी  ही इस समय की प्रधान मंत्री की दृष्टि से इस समय की सर्व श्रेष्ठ माँग हैं । 

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