गृह मंत्री श्री शिंदे साहब
          वर्तमान समय में भारतीय सरकार के गृह मंत्री श्री शिंदे साहब ने कहा कि उन्हें खबर मिली है कि 
 बीजेपी और आरएसएस अपने ट्रेनिंग कैम्प्स में हिन्दू आतंकवाद बढ़ाने का काम 
कर रहे हैं।इस बात के समर्थन में काँग्रेस के ही कुछ नेताओं ने बयान भी दिए। यह सुनकर भाजपा,आर एस एस के नेताओं के सक्रोध बयान आने ही थे वो आए भी। यह सब सुनकर इसके बाद कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि
 शिंदे के बयान को ठीक तरह से समझा नहीं गया। गृह मंत्री का मतलब हिन्दू 
आतंकवाद नहीं दक्षिण पंथी आतंकवाद से है।क्या श्री शुक्ल का बयान अनपढ़ कालिदास को विद्वान् सिद्ध करने जैसा नहीं है?महाकवि कालिदास पहले मूर्ख और अनपढ़ 
थे। उज्जयिनी के राजा की विद्योत्तमा नाम की एक  सुन्दर एवं विद्वान बेटी थी। राजकुमारी को अपनी विद्या पर बड़ा गर्व था। उसने कहा कि 
मैं उसी आदमी के साथ विवाह करूँगी जो मुझे शास्त्रार्थ में पराजित कर देगा।
 उसके घोषणा करने के बाद विद्वान लोग विद्योत्तमा से शास्त्रार्थ 
करने के लिए आने लगे  लेकिन कोई भी विद्योत्तमा को पराजित नहीं कर सका।
        परेशान होकर  एक दिन 
पंडितों ने कालिदास को एक ऐसी डाल पर बैठे देखा जिसे वह काट रहा था। इसलिए 
पंडितों ने सोचा यह बड़ा मूर्ख है। उसके बाद वे कालिदास को सुंदर वस्त्र 
पहनाकर विद्योतमा के पास ले गए। उन्होंने राजकुमारी से कहा कि कालिदास उनके
 गुरु हैं। वे बोल नहीं सकते क्योंकि उन्होंने मौन-व्रत धारण कर रखा है। 
         शास्त्रार्थ में विद्योत्तमा मौन शब्दावली में गूढ़ प्रश्न पूछती थी, जिसे कालिदास अपनी 
बुद्धि से मौन संकेतों से ही जवाब दे देते थे। विद्योत्तमा को लगता था कि 
कालिदास गूढ़ प्रश्न का गूढ़ जवाब दे रहे हैं। उदाहरण के लिए विद्योत्तमा 
ने प्रश्न के रूप में खुला हाथ दिखाया तो कालिदास को लगा कि यह थप्पड़ 
मारने की धमकी दे रही है। उसके जवाब में कालिदास ने घूंसा दिखाया तो 
विद्योत्तमा को लगा कि वह कह रहा है कि पाँचों इन्द्रियाँ भले ही अलग हों किन्तु  सभी एक मन के द्वारा संचालित हैं। विद्योत्तमा और कालिदास का विवाह हो गया।
         इसी प्रकार जयपुर की चिंतन बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि उन्हें खबर मिली है कि बीजेपी और आरएसएस अपने ट्रेनिंग कैम्प्स में हिन्दू आतंकवाद बढ़ाने का काम 
कर रहे हैं। ऐसा कहकर गृह मंत्री ने बीजेपी और आरएसएस पर सीधे निशाना साधा 
है और उन्हें सीधे-सीधे हिन्दू आतंकवाद बढ़ाने का जिम्मेदार ठहरा दिया है। 
      यह सुनकर आरएसएस नेता राम माधव सुशील कुमार शिंदे के बयान की कड़ी निंदा की है। बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सुशील कुमार शिंदे के बयान की निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी धर्म और जाति की राजनीति नहीं करती।शहनवाज 
हुसैन ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है और बीजेपी इसकी  निंदा करती है। 
      कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने कहा है कि
 शिंदे के बयान को ठीक तरह से समझा नहीं गया। गृह मंत्री का मतलब हिन्दू 
आतंकवाद नहीं दक्षिण पंथी आतंकवाद से है।
 मणिशंकर अय्यर ने शिंदे के बयान 
का स्वागत किया है और उससे पूरी तरह सहमति जताई है।मणिशंकर अय्यर ने शिंदे के बयान का स्वागत किया है और उससे पूरी तरह सहमति जताई है।कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी का कहना है कि अगर शिंदे ने ऐसा बयान दिया है 
तो उनके जरूर कोई सबूत होगा। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सुशील 
कुमार शिंदे के बयान को सही ठहराया है।
     ये विशेष कर कुम्भ पर्व के समय गृहमंत्री जी इसप्रकार का बयान  अत्यंत दुखद है  जहाँ एक ओर सनातन धर्मावलम्बियों का महाकुम्भ जैसा एक महान पर्व चल रहा है जिससे सारी दुनियाँ आश्चर्य चकित है यहाँ तक कि भारत ही नहीं दुनियाँ  के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन 
महाकुंभ मेले पर शोध होगा। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और 
प्रोफेसर की सात फेकल्टी को मिलाकर इसके लिए एक दल बनाया है। यह दल 
इलाहाबाद आकर कुंभ मेले के लिए बसाए जाने वाले अस्थायी शहर योजना और उसके 
अर्थशास्त्र पर रिसर्च करेगा।
      हार्वर्ड विश्वविद्यालय के दक्षिण एशिया इंस्टीट्यूट की एसोसिएट 
निदेशक मीना हीवेट के मुताबिक हम पहली बार ऐसे आयोजन पर शोध कर रहे हैं। 
इसके तहत देखा जाएगा कि कुंभ नगरी में बनाए गए अस्थायी घर कैसे हैं।
       यहां उनके लिए किस तरह से बिजली, पानी और खाने की व्यवस्था की जाती 
है। यह भी देखेंगे कि उनके मनोरंजन, पुलिस और फायर ब्रिगेड की क्या 
व्यवस्था रहती है? सभी फैकल्टीज अध्ययन रिपोर्ट सितंबर 2013 तक जमा करा 
देंगे ।
      ऐसे में भगवा आतंकवाद  जैसे शब्दों के प्रयोग का  क्या औचित्य था ? 
      
 
 
 
 
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