सभी से प्रार्थना
श्री मान जी ,
आपकी इस सीता भक्ति निष्ठा , धार्मिक सोच एवं पवित्र प्रयास की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।इसलिए बार बार साधुवाद
श्री मान जी ,
आपकी इस सीता भक्ति निष्ठा , धार्मिक सोच एवं पवित्र प्रयास की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।इसलिए बार बार साधुवाद
महोदय ,मैं श्री राम एवं सीता को मानने वाले समस्त विश्व समुदाय को सूचित करना चाहता हूँ कि अपने देवी देवताओं के मंदिर बहुत बन रहे हैं और बनने भी चाहिए किन्तु एक बात पर विशेष ध्यान देना भी आवश्यक हो गया है कि आप सभी धनवान ,विद्यावान आदि लोगों को चाहिए कि वे श्रीराम एवं श्रीकृष्ण आदि अपने आराध्य परमात्मा के शास्त्र प्रमाणित चरित्रों पर शोध (रिसर्च) पूर्वक उनकी लीलाओं, कथाओं का प्रचार प्रसार किया जाए जिससे वर्तमान में टूटते समाज एवं विखरते परिवारों को बचाया जा सकता है।साथ ही सभीप्रकार के अपराधों से मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है।
आज साधू महात्माओं से लेकर नाचने गाने वाले समस्त अशास्त्रीय कथाबाचकों में पैसे की बढ़ती भूख ने उन्हें तरह से पैसे के लिए पागल किया है कि जिस कथा के कहने से पैसे मिलते हैं वे केवल वही कथा कहते,उसी पर नाचते, गाते, बजाते हैं किन्तु जिस कथा से चरित्र निर्माण होता है उससे उनका कोई लेना देना होता ही नहीं है। दूसरी बात यह है कि ऐसे लोग कोई शास्त्र प्रमाणित बात बोलना भी नहीं चाहते हैं जिससे श्रीराम एवं श्रीकृष्ण आदि अपने आराध्य परमात्मा के शास्त्र प्रमाणित चरित्रों ,उनकी लीलाओं, कथाओं पर अक्सर तर्क कुतर्क करते सुने जा सकते हैं लोग !अभी हाल में ही सीता निर्वासन एवं श्रीराधा कृष्ण की रासलीलाओं के विषय में भी कुछ लोग कुछ ऐसा ही बोलते बकते सुने गए थे। ज्ञान के अभाव में ऐसा ही कुछ अक्सर ही चलता रहता है ।
इन सबसे समाज को बचाने एवं शास्त्र प्रमाणित जानकारी देने के लिए विभिन्न स्तरों पर समाज में काम कर रहा है शास्त्रीय विषयों के प्रचार प्रसार के लिए सभी की सभी शास्त्रीय शंकाओं का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए आर्थिक आदि सभी प्रकार के सहयोग के लिए आप सादर आमंत्रित हैं यदि आप भी हमारे विचारों से सहमत हों तो आप भी कर सकते हैं हमारा सहयोग।
निवेदकः-
आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी
संस्थापकः- राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान
संस्थापकः- राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान
तथा
दुर्गापूजाप्रचारपरिवार एवं ज्योतिष जनजागरण मंच
दुर्गापूजाप्रचारपरिवार एवं ज्योतिष जनजागरण मंच
व्याकरणाचार्य (एम.ए.)
संपूर्णानंदसंस्कृतविश्वविद्यालयवाराणसी ज्योतिषाचार्य(एम.ए.ज्योतिष)
संपूर्णानंदसंस्कृतविश्वविद्यालय वाराणसी
एम.ए. हिन्दी
कानपुर विश्व विद्यालय
पी.जी.डिप्लोमा पत्रकारिता
उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी
पी.एच.डी. हिन्दी (ज्योतिष)
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी बी. एच. यू. वाराणसी
संपूर्णानंदसंस्कृतविश्वविद्यालयवाराणसी ज्योतिषाचार्य(एम.ए.ज्योतिष)
संपूर्णानंदसंस्कृतविश्वविद्यालय वाराणसी
एम.ए. हिन्दी
कानपुर विश्व विद्यालय
पी.जी.डिप्लोमा पत्रकारिता
उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी
पी.एच.डी. हिन्दी (ज्योतिष)
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी बी. एच. यू. वाराणसी
विशेषयोग्यताः-वेद, पुराण, ज्योतिष, रामायणों तथा समस्त प्राचीनवाङ्मयएवं राष्ट्र भावना से जुड़े साहित्य का लेखन और स्वाध्याय
प्रकाशितः-पाठ्यक्रम की अत्यंत प्रचारित प्रारंभिक कक्षाओं की हिन्दी की किताबें
कारगिल विजय (काव्य )
श्री राम रावण संवाद (काव्य )
श्री दुर्गा सप्तशती (काव्य अनुवाद )
श्री नवदुर्गा पाठ (काव्य)
श्री नव दुर्गा स्तुति (काव्य )
श्री परशुराम(एक झलक)
श्री राम एवं रामसेतु
(21 लाख 15 हजार 108 वर्षप्राचीन
कुछमैग्जीनोंमेंसंपादन,सहसंपादनस्तंभलेखनआदि।
वर्तमान पता के -71, छाछी बिल्डिंग चौक , कृष्णानगर,दिल्ली51 फो.नं-01122002689,011 22096548,मो.09811226973,09968657732
कारगिल विजय (काव्य )
श्री राम रावण संवाद (काव्य )
श्री दुर्गा सप्तशती (काव्य अनुवाद )
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श्री नव दुर्गा स्तुति (काव्य )
श्री परशुराम(एक झलक)
श्री राम एवं रामसेतु
(21 लाख 15 हजार 108 वर्षप्राचीन
कुछमैग्जीनोंमेंसंपादन,सहसंपादनस्तंभलेखनआदि।
वर्तमान पता के -71, छाछी बिल्डिंग चौक , कृष्णानगर,दिल्ली51 फो.नं-01122002689,011 22096548,मो.09811226973,09968657732
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