साम्प्रदायिकता का भय भरकर आखिर क्यों जीतना चाहते हैं चुनाव ?
        सांप्रदायिक कौन है और उसने नुकसान क्या किया है ?
      भाजपा
 की राष्ट्रवादी भाषाशैली  से घबड़ाए लोग जगह जगह सभा सम्मेलनों के माध्यमों
 से सांप्रदायिकता का हौवा खड़ा करने में लगे हैं!जो आज की तारीख में सबसे 
अधिक घातक है! इस सांप्रदायिकता को रोकने के नाम पर देश की जनता को दो बार 
अत्यंत कठोर निर्णय लेते हुए उन्हें जनादेश देना पड़ा जो सांप्रदायिकता 
रोकने का दम्भ भरते थे उन्होंने एक बार नहीं दो दो बार देश कि बागडोर उनके 
गले मढ़ दी जो केवल और केवल दोषों,घपलों,घोटालों, भ्रष्टाचारों के नाम से 
कीर्तिमान स्थापित करते चले आ रहे हैं। ऐसी सरकारों के द्वारा भले ही कुछ 
सहयोगी दल या नेता भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के बाद भी सरकारी गंगाजल 
छिड़क कर  पवित्र किए जा चुके हों किन्तु मीडिया उन्हें कई बार चिंह्नित कर 
चुका है देश भी उन्हें पहचानने लगा है। देश यह भी जनता है कि तथाकथित 
सांप्रदायिकता से उनका उतना नुकसान कभी नहीं हो सकता जितना इन 
सांप्रदायिकता रोकने वालों से होता है।सांप्रदायिकता का हौआ खड़ा करके उनके 
वोट की धार का कैसे मिस यूज किया जाता है इसे भी अब देश पहचानने लगा है!यदि
 ये सांप्रदायिकता विरोधी इतने ही ईमानदार हैं तो अपनी अपनी पार्टियों का 
विलय एक में  ही करके एक साथ क्यों नहीं लड़ लेते  सांप्रदायिकता से ?
      
दूसरी ओर सांप्रदायिक  पार्टी के नाम से बदनाम कि जा रही भाजपा न केवल कई 
प्रदेशों में सफलता पूर्वक विकासोन्मुखी सरकारें चला रही है अपितु केंद्र 
में ईमानदारी पूर्वक समाज का विश्वास जीतते हुए सरकार चलाई गई इससे क्या 
नुकसान हो गया  देश का? सांप्रदायिक ताक़तों को सत्ता में आने से 
रोकने के नाम परआखिर क्यों भय का वातावरण बनाया जा रहा है?विकास के मुद्दे 
पर चुनाव लड़ने से क्यों डरते हैं ये लोग ?आखिर क्यों खोजे जाते हैं भय और 
भावनात्मक मुद्दे ?   
     दिल्ली में सांप्रदायिक ताक़तों को सत्ता में रोकने से नाम पर आज इतना बड़ा
 जमावड़ा लगा जिसमें 14 दलों के
 दिग्गज नेताओं ने तालकटोरा स्टेडियम से ताल ठोककर कहा है कि धर्म के 
धंधेबाज़ों को सत्ता में आने से रोकने के लिए जो भी करना पड़ेगा करेंगे. 
इनमें  
समाजवादी पार्टी औऱ जनता दल यूनाईटेड  लेफ्ट पार्टी आदि आदि! 
    यहां
 बोलने वालों के बयानों में श्री मुलायम सिंह यादव 
जी से लेकर नितीश कुमार जी समेत सभी लोग सांप्रदायिकता के खिलाफ अपनी लड़ाई का बखान करते रहे 
      श्री मुलायम सिंह यादव जी 
ने  सांप्रदायिकता के खिलाफ अपनी लड़ाई का बखान करते हुए कहा कि वह 
मुस्लिमों की भलाई और बीजेपी की तरफ कड़ाई से 
पीछे नहीं हटेंगे!
       जब बारी आई मोदी की हुंकार रैली से हतप्रभ बिहार के 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की तो उन्होंने कहा कि हमें सोचना है कि फासीवाद, 
साम्प्रदायिकतावाद और आतंकवाद की शक्तियों को शिकस्त देने के मुद्दे के 
आधार पर सभी लोकतांत्रिक शक्तियों को एकता बनानी चाहिए.
  इस 
दौरान लेफ्ट के नेताओं प्रकाश कारत और एबी वर्धन ने वही पुराना राग अपनाया 
कि देश पूंजीवादी शक्तियों का गुलाम हो गया है. सांप्रदायिकता का जहर फैल 
रहा है और सभी सेकुलर दलों को इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा. सम्मेलन में 
जेडीयू के शरद यादव, जेडी एस के एचडी देवेगौड़ा, बीजू जनता दल के जय पांडा,
 असम गण परिषद के प्रफुल्ल कुमार महंत और झारखंड विकास मोर्चा के बाबू लाल 
मरांडी समेत कोई बीस बड़े नेता मौजूद थे। 
 
 
 
 
 
          
      
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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