Saturday, June 14, 2014

दिल्ली की जनता से सच बोलना कब शुरू करेंगे अरविंद केजरीवाल ?

आम आदमी पार्टी अपने उसूलों से समझौता नहीं कर सकती: अरविंद केजरीवाल 

    अरविंद केजरीवाल जी !  दिल्ली के लोग आपके इसी जुमले से चोट खाए हुए हैं अब और अधिक अविश्वसनीय बातें मत बोलिए! आपको को सच्चा एवं ईमानदार समझकर ही आप पर भरोसा किया गया था किन्तु आपको दिल्ली की सत्ता पाकर भी संतोष नहीं हुआ आपके पास कुछ अच्छा करके  दिखाने का एक अवसर मिला था जिसे आपने छोड़ दिया ! दिल्ली वालों ने आप पर विश्वास किया उसे आपने तोड़ दिया!

      जैसे  पहले आप ने राजनीति में नहीं जाने को कहा था किन्तु आपने पार्टी बनाई फिर आपने कांग्रेस से समर्थन  न लेने को कहा फिर लिया आपने ,सी.एम.नहीं बनने को कहा फिर बने आप,दिल्ली की सेवा करने को कहा फिर अकारण छोड़कर चल दिए आप !आप आम आदमियों के अपने बनने चले थे फिर आप अपने साथ लंच करने के इच्छुक लोगों से पैसे माँगने  लगे !अरविन्द जी , आपको राजनीति में इतनी जल्दी सफलता मिलती चली गई और आप लोग मंत्री मुख्यमंत्री आदि बनते चले गए यह देख कर कई पढ़े लिखे लोगों की आत्माएँ उन्हें धिक्कारने लगीं वो भी नौकरी छोड़ छोड़ कर अरविंद केजरीवाल बनने भाग आए, तमाम नचैया गवैया आदि हर फील्ड के लोग भी अपना अपना पेशा छोड़ छोड़कर आपसे प्रभावित होने लगे आपके साथ उनके सपने तो बहुत कुछ थे किन्तु अब बेचारे बेरोजगार हो गए अब वो अपनी पीड़ा किसी से कह भी नहीं पा  रहे हैं और सह भी नहीं पा रहे हैं उधर  लज्जा के कारण वापस नौकरियों में भी नहीं जा पा रहे हैं अतः वो प्रत्यक्ष खुद तो आगे नहीं आ रहे हैं किन्तु दूसरों को आपस में लड़वा रहे हैं उनका सोचना संभवतः यह होगा कि यदि हमारा कैरियर ख़त्म हुआ तो कम से कम मैं भी यह पार्टी ही समाप्त करके चलूँ इससे वो लोग ये कहने लायक तो हो जाएंगे कि जब पार्टी ही नहीं रही तो मैं वापस सर्विस में आ गया !उधर आपका मन एक बार फिर मचल उठा है दिल्ली वालों की सेवा करने को किन्तु राजनैतिक दुकानदारी आपकी चल नहीं पा रही है उधर दूसरी पार्टियाँ अपने संभावित सी. एम. प्रत्याशियों को दूध पिला पिलाकर गधे से घोड़ा बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं यहाँ तक कि जिन पदों पर पहुँचने की उनकी अपनी कभी कल्पना ही नहीं रही होगी वहाँ वो इसीलिए न बैठाए जा रहे हैं ताकि दिल्ली की जनता समझ सके कि वो कितने अधिक समझदार हैं !

   अरविंद केजरीवाल जी !ऐसे में ईमानदारी पूर्वक जनता का विश्वास जीतने के अलावा आपके पास और कोई विकल्प भी नहीं  है आप अब  दिल्ली वासियों की सेवा तो करना चाह रहे हैं किन्तु उन्हें  उचित स्पष्टीकरण भी देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं कि आप उनसे दूर क्यों हुए ! और आप जो कुछ बोल पा रहे हैं उस पर दिल्ली वाले भरोसा नहीं कर पा रहे हैं  ऊपर से आप कह रहे हैं कि 'आम आदमी पार्टी अपने उसूलों से समझौता नहीं कर सकती' आखिर ऐसे कैसे कर पाएँगे आप अपना राजनैतिक  विकास और अपने राजनैतिक 

प्रतिद्वंद्वियों  का सामना ?

   केजरीवाल जी !आपको अन्ना जी का शाप तो नहीं लग गया है !

जानीहि सत्यं जगत् सारमेतत्
मृषा भाषितं यद् भवान् पुण्य क्षीणः |
इयं केजरीवाल जी कालक्रीडा
सदा क्षीणपुण्यं देवतापि त्यजन्ति ||
-डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
केजरीवाल जी! आप तो सुशिक्षित हैं आपको पता ही होगा कि जो आपके द्वारा जाने अनजाने में उन अन्ना जी को ठेस लगी होगी जो आपको ही सब कुछ मानते थे, इसी प्रकार से जनता को जो आश्वासन जिस रूप में आपने दिए वे पूरे नहीं कर सके इसीप्रकार से सादा जीवन जीने की प्रतिज्ञा करके जो बिलासिता के वैभव एकत्रित करने लगे इन सब बातों से झूठ और छल नाम का जो दोष आपको लगा है उससे आपके संचित पुण्य क्षीण हुए हैं। महोदय !ये सब तो समय और उन्हीं पुण्यों का ही खेल है इसमें मीडिया का क्या दोष ?पुण्य क्षीण होने पर तो देवता भी साथ छोड़ देते हैं मीडिया किस खेत की मूली है !

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मीडिया और भ्रष्टाचार --कविता, गॉंधी जी के तीन बंदरों कीsnvajpayee.blogspot.in/2013/09/blog-post_29.html

 

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