Sunday, June 29, 2014

     यदि ऐसा मान लिया जाए कि किसी का बाप  किसी कारण से उसकी माँगें पूरी नहीं पा रहा हो और पड़ोसी उसकी माँगें पूरी करने लगे अर्थात जो मँगावे सो लाकर  देने लगे तो क्या अपने बाप को छोड़कर उस पड़ोसी को मान लिया जाना चाहिए अपना बाप ?

      यदि नहीं तो जोलोग कहते हैं कि किसी बुड्ढे को पूजने से उसकी मनोकामनाएँ पूरी हो जाती हैं इसका मतलब क्या उसे भगवान बना लिया जाए !छिः ! हम इतने स्वार्थी हो गए ! हमें धिक्कार है !

       ऐसे तो कल पड़ोसी देश के लोग हमें कुछ लालच देकर हमें अपना लेंगें तो हम उनके प्रति समर्पित  हो जाएँगे ! आखिर कहाँ तक उचित है हमारा भिखारी बनकर जीना ? धिक्कार है हमें !भगवान हमें कुछ दे नहीं सके इसलिए भगवान बदल लिया !

          जब भगवान नहीं दे सके तो वो बुड्ढा क्या दे सकेगा बने रहो भ्रम देखो कब तक अपनों को छोड़कर पड़ोसियों को पूजोगे !

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