Friday, September 10, 2021

जनसुनवाई जानलेवा है उत्तर प्रदेश में ! योगी जी इसे बंद करवा दीजिए

@PMOIndia   प्रधान मंत्री जी !UP की कानून व्यवस्था बहुत ख़राब है यहाँ तक कि जनसुनवाई जानलेवा है ! उत्तरप्रदेश में सरकार भले भाजपा की होशासन तंत्र पर गुंडा गर्दी इतनी अधिक हावी है कि आप स्वयं देख लीजिए !कहीं सुनवाई नहीं हो रही है |गुंडे जान से मार देने की धमकी दे रहे हैं   भूमाफियाओं की हाथ में है !को ऐसा को टा  

प्रधान मंत्री जी  !     सादर नमस्कार  

उत्तरप्रदेश की स्थिति बहुत अधिक ख़राब है | मैं स्वयं भुक्त भोगी हूँ ! आप भी देखिए -

          महोदय, मैं संघ परिवार के विविध आयामों से किसी न किसी  रूप में 1986 से अभी तक जुड़ा आ रहा हूँ | लंबे समय से न मिल पाने के कारण आज मैं आपसे यह कहने की भी स्थिति में नहीं हूँ कि आप से और  ओपी साहब से एक कवि  के रूप में मेरा कभी निजी परिचय भी था  | 

          महोदय,निवेदन है कि कानपुर जिले की बिल्हौर तहसील के थाना शिवराजपुर का इंदलपुर गॉंव  मेरी जन्म भूमि है | यहाँ वर्षों पहले सरकारी जमीन  पर सरकारी पैसे से एक रोड बनाया गया था  जो हम लोगों के घर आने जाने का एक मात्र रास्ता है | उस रोड को इस वर्ष गाँव के ही शिवनाथ पुत्र देवी प्रसाद ने गुंडागर्दी के बलपर रोड खोदकर अपनी दीवार बना ली  हमारे घर के दूसरी तरफ  बाबू शंकर पुत्र जय नारायण ने  रोड खोद कर अपनी दीवार बना ली दोनों तरफ से हमारा रास्ता बंद हो गया | बीच में रोड अभी बना है जिसे उखाड़कर कभी समाप्त कर देंगे |

       हमारे परिवार के लोगों के द्वारा इसकी शिकायत जन सुनवाई में की गई विगत 19 अगस्त को तहसीलदार साहब ने आकर रोड पर निर्माण रुकवा दिया इससे गुस्साए उन गुंडों ने  हमारे घर में घुसकर पुरुषों से लेकर महिलाओं बच्चों तक को  बुरी तरह मारपीट के रक्त रंजित कर दिया | एक घंटे तकतक यह खेल चला थाने की पुलिस के संज्ञान में होने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाए | हमारा परिवार बंधक बना हुआ था | सरकार के जिम्मेदार सभी विभागों से लेकर CM  ऑफिस तक फोन किए गए किंतु  कहीं से कोई मदद नहीं मिली | 

          जब गुंडों ने अपनी इच्छा से छोड़ा तब हमारे परिवार के घायल लोग रोते पीटते थाने पहुँचे वहाँ   पुलिस ने गुंडों से अधिक केस हमारे परिवार पर बना देने की धमकी देकर समझौता करने के लिए बाध्य किया और FIR नहीं लिखी | उसके बाद वे लोग दो बार और हमला कर चुके हैं | कंप्लेन करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं |बड़े  अधिकारियों के पास शिकायत करने गए तो वो  FIRकॉपी माँगते हैं | 

        ऐसी परिस्थिति  में हमारा परिवार उन्हीं गुंडों के रहमों करम पर इस शर्त के साथ जिंदा है कि अब उन्हें कितना भी परेशान  किया जाए वे कंप्लेन नहीं करेंगे | ग्राम प्रधान समेत गाँव का कोई व्यक्ति उन गुंडों के विरुद्ध कुछ बोलता नहीं है स्वयं पुलिस भी विकास दुबे की तरह ही वहाँ भी हाजिरी देती है | 

       हमारा परिवार खेत बेचकर गाँव से भागने को पूरी तरह तैयार है किंतु वे गुंडे खेतों का भी उचित मूल्य नहीं मिलने दे रहे हैं | 

            सभी अधिकारियों को पत्र दिए जा चुके हैं कहीं सुनवाई न होने के कारण परिवार इतना   अधिक भयभीत है कि अब कंप्लेन भी देने की हिम्मत नहीं है | 

              अपनी बात का विश्वास दिलाने के लिए मैं  आपको भी इससे संबंधित कुछ फोटो कागजात आदि भेज रहा हूँ ताकि आपको भी पता लगे कि आपके शासन में अपराधी कितने निरंकुश हैं | 

        निवेदक :डॉ.शेष नारायण वाजपेयी -   9811226983

 


 

 

 मेरा व्यक्तिगत परिचय भी है

 

 

 

   ये रोड सन 2013 में एसडी एम तहसीलदार समेत कई बड़े अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति में इस रोड को सरकारी जमीन   पर सरकारी पैसे से बनवाया था जिसे सुरक्षित रखना प्रशासन की जिम्मेदारी हैकंप्लेन करने वालों को पिटवा रहा है प्रशासन  !आज तक नहीं की गई भूमाफियाओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही !

 रोड 

जिसे

 https://youtu.be/ibC7qxjfZQ0

https://youtu.be/0PIFs1zSFuQ

अधिकारी कर्मचारी ही मरवाए डाल रहे हैं निरपराध जनता को !

           कानपुर के विकास दुबे को जिन्होंने अपराधी बनाया उन्होंने ही मार दिया उसके बाद भी वही प्रशासन न जाने कितने विकास दुबे तैयार करने की होड़ में लगा हुआ है न जाने वे भविष्य में कितनों की जान के दुश्मन बनेंगे !जो विकास दुबे अब तैयार किए जा रहे हैं ! 

कोई अकेली नहीं है अपराध करने के लिए भी धन एवं प्रशासन पर पकड़ की अत्यंत आवश्यकता होती है इसलिए कोई सभ्य अपराधी सबसे कोई चुनाव लड़ने  और  जीतने  का प्रयास करता है !जिसकी शुरुआत प्रायः ग्रामप्रधानी के चुनाव से  की जाती है  अपराधियों के साथ पूरा गिरोह होता है इसलिए  चुनाव जीत ही जाते हैं |इसके बाद ग्रामसेवक लेखपाल कानूनगो  तहसीलदार एसडीएम पुलिस प्रशासन आदि बड़े बड़े स्थानीय अधिकारी उस गाँव के विकास को उसी अपराधी गिरोह की आँखों से देखने लगते हैं उन्हीं से राय परामर्श सलाह मशबिरा  करते  हैं उन्हीं अपराधियों के पैसों से आयोजित की जाने वाली भोज पार्टियों में  सम्मिलित होने लगते हैं इनमें वो पैसा उड़ाया जाता है जो ग्राम विकास के लिए सरकार द्वारा दिया जाता है या ग्रामसमाज की जमीनों पर अवैध कब्ज़ा करवाकर तैयार किया जाता है | इसप्रकार से भूमाफिया अपराधी गिरोह के गुंडों का प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों के साथ फेमिलियर संबंध हो जाते हैं और अपराधियों के मन से प्रशासन का भय समाप्त हो जाता है |

   जनसुनवाई जानलेवा है  उत्तर प्रदेश में ! योगी जी इसे बंद करवा दीजिए  !

                   अधिकारी कर्मचारी ही मरवाए डाल रहे हैं उत्तरप्रदेश की निरपराध जनता को !

 

 भूमाफियाओं से साँठगाँठ  के कारण अधिकारी कर्मचारी ही भूमाफियाअपराधियों का साथ देने के लिए पटकथा अपराधियों को लिखकर  खुद देते हैं उसके बाद अपराधियों को बचने की  गारंटी स्थानीय प्रशासन अपने कंधों पर सँभाल लेता है | अपराध   करते समय अपराधियों  के चेहरे पर प्रशासन का  बिल्कुल नहीं होता है 

 

उस पर अपराधी चलकर

 

देने के लिए   पहले

अन्यथा आपके

 

हमारे गाँव इंदलपुर पोस्ट संभलपुर जिला कानपुर में तहसील बिल्हौर थाना शिवराजपुर का मामला है | 

भूमाफिया गिरोह ने दबंगई के बलपर ग्रामप्रधानी  का चुनाव जीता

 

 

 

 

                                       भाजपा सपा बसपा काँग्रेस एवं मीडिया  से निवेदन ! 
 
                 हमारे परिवार के लोगों की कहीं सुनवाई नहीं  हो रही है स्थानीय पुलिस प्रशासन  ने निराश किया है घर के लोगों को गाँव छोड़कर  भागने के  लिए  मजबूर  किया जा रहा है | स्थानीय पुलिस की भूमिका  संदिग्ध है | 
             हमारे गाँव इंदलपुर पोस्ट संभलपुर जिला कानपुर में तहसील बिल्हौर थाना शिवराजपुर का मामला है | गाँव में हम लोगों के दरवाजे तक किसी वाहन के आने जाने के लिए सरकारी जमीन  पर सन 2013 में देवी प्रसाद के दरवाजे से लेकर सुरेशचंद  के दरवाजे  तक खरंजारोड  बनाया  गया था | उस समय एस डी एम बिल्हौर, तहसीलदार   लेखपाल आदि अधिकारियों के सम्मुख यह काम संपन्न हुआ था | उस समय जिन लोगों का अवैध कब्ज़ा प्रशासन में हटवाकर यह रोड बनवाया था उन्हीं लोगों में से देवी प्रसाद के दरवाजे पर  रोड खोद कर दीवार बना ली गई है दूसरी ओर सुरेशचंद  के दरवाजे अब रोड खोद कर अब दीवार बनाई जा रही है |हमारे परिवार के लोगों ने उसकी कंप्लेन  पुलिस में दी वहाँ सुनवाई न होने पर जनसुनवाई में दी एस डी एम बिल्हौर को दी गई वहाँ तहसीलदार  लेखपाल आदि नाप करके  निर्माणकार्य रोकने को बोलकर चले गए  | क्योंकि वह सरकारी जमीन  थी  | 
                  इस बात से गुस्साए उन लोगों ने अधिकारियों के जाते ही हमारे परिवार के लोगों पर हमला कर दिया |उसके वीडियो हमारे परिवार के लोगों के पास हैं | उन लोगों की संख्या बहुत अधिक थी हमारे घर के चार पाँच लोग थे इसलिए हमारे परिवार के लोगों पीटा  उन्हें ही चोट लगी एक का सर फट गया है कुछ को और चोटें आयी हैं  | एक घंटे तक वो लोग हमारे परिवार के लोगों को मारते रहे बार बार फोन करने पर भी शिवराजपुर थाने की पुलिस ने फोन नहीं उठाया | घटना समाप्त हो जाने के बाद पुलिस पहुँची | 
            19 अगस्त को सुबह गुंडागर्दी पूर्वक वे निर्माण करने लगे भारी संख्या में लोग लाठी डंडे हॉकी आदि लिए हुए थे हमने खबर पाते ही उनके द्वारा हमले की आशंका से भयभीत होकर मैंने सीओ  बिल्हौर एस एच ओ शिवराज पुर एवं हल्का इंचार्ज तीनों को सूचित किया  तीनों ने कहा  कि वे तहसीलदार से निर्णय करा लाए हैं इसलिए मैं उन्हें नहीं रोक सकता | इस पर एस डी एम बिल्हौर,तहसीलदार साहब से मैंने  पूछा तो उन्होंने कहा मैंने ऐसा कोई निर्णय अभी नहीं किया है ये बात बताने पर भी पुलिस    ने  सतर्कता  बरती  ! राजस्व अधिकारियों ने बनाने की अनुमति दी ही नहीं तो  थाने की पुलिस ने किस आधार पर यह कहा कि वे तहसील दार से निर्णय करवाकर बनवा रहे हैं | हमारे परिवार पर हमले का कारण पुलिस का यह गैरजिम्मेदाराना रवैया ही है | एस डी एम बिल्हौर,तहसीलदार साहबआदि ने ही 2013 में जिस रोड को बनवाया था उसे पुलिस अब अवैध  कैसे मान रही है ?
         19 अगस्त को  हमारे परिवार के लोगों  पर हमला होने के बाद जब वे खून बहाते थाने पहुँचे और अपनी अपनी कंप्लेन दी तो उस कंप्लेन की कॉपी उन्हें नहीं दी गई अपितु  उसी के अनुशार  दूसरे पक्ष से कंप्लेन तैयार करवाई गई और हमारे  ही परिवार के लोगों  पर किए गए हमले को पुलिस झगड़ा दिखा कर हमारे परिवार के लोगों के विरुद्ध मुकदमा गढ़ने में लगी है |उसी पुलिस  पर इस प्रकरण  की जाँच करने की जिम्मेदारी है जिसकी लापरवाही  से यह घटना घटी है | जाँच के परिणाम पर संशय  होना स्वाभाविक  है | सभी जगह कंप्लेन करने के बाद भी  कहीं कोई सुनवाई होते नहीं दिख रही है  | हमारे परिवार के लोगों को अकारण फँसाया  जा रहा है | कृपया हमारी मदद कीजिए !

                 निवेदक -    

राजेंद्र कुमार वाजपेयी -9889507070

ब्रजकिशोर वाजपेयी -9838239075

ध्रुव कुमार वाजपेयी -6306920342

राम जी वाजपेयी -9838167171

       मैं वर्तमान समय में दिल्ली में रहता हूँ - 9811226983

           इस घटना से संबंधित  फोटो वीडियो  एवं उस दिन घटना के पहले अधिकारियों के साथ फोन पर हुई बात के प्रमाण हमारे  जो इस घटना को घटित होने का कारण बने   |  
 
     अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की सरकार के समय में अधिकारियों ने भूमाफियाओं के भ्रष्टाचार से समझौता नहीं  किया था | इसीलिए सरकारी जमीन भूमाफियाओं  से मुक्त करवाकर तब 2013 में यह रोड बनाया जा  सका था  तब भी इन उपद्रवियों ने इसीप्रकार का उपद्रव मचाया था  | यह है पुराने अखवार की कटिंग भी है |
    
                                       
                 
           
 
 
 
 
 सरकार से  निष्पक्ष जाँच की अपेक्षा -   
  •    2013 में सुयोग्य सरकारी अधिकारियों के तत्वावधान में भूमाफियाओं  से मुक्त करवाकर सरकारी जमीन पर सरकारी धन से यह खरंजा रोड बनवाया गया था ! इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है ऐसी परिस्थिति में देवी प्रसाद के दरवाजे पर रोड उखाड़कर दीवाल बना ली गई और रोड की जगह पर कब्ज़ा कर लिया गया !प्रशासन ने इसे संज्ञान में क्यों नहीं लिया इसके लिए जनता को कंप्लेन क्यों करनी पड़ी !उसके बाद भी  प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं समझी और भूमाफियाओं के हमले का शिकार जनता को होना पड़ा इसके लिए दोषी कौन ?  
  • 2013 में  सरकार के जिन सक्षम अधिकारियों ने अच्छी प्रकार से जाँच परख के बाद अपने तत्वावधान में जिस रोड का निर्माण करवाया था उसे अब उखाड़ा जा रहा है इसके लिए दोषी कौन पुराने अधिकारी या वर्तमान प्रशासन ? 
  • 19 अगस्त को तहसीलदार एवं एस डी एम साहब जैसे सक्षम राजस्व अधिकारी  जब बार बार कह रहे थे कि उन्होंने उखाड़े गए खड़ंजे की जगह पर किसी भी प्रकार के निर्माण की कोई अनुमति नहीं दी है तो  स्थानीय पुलिस प्रशासन किस आधार पर  था कि वे  अधिकारियों  से निर्णय करवाकर लाए हैं तब बना रहे हैं |इसलिए उन्हें कैसे रोका जाए ?  
  • 19  अगस्त को  जिस प्रकार से लाठी डंडे हॉकी आदि लेकर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे  उससे यह आशंका थी कि ये लोग मारपीट करने की  तैयारी में हैं  सूचना पुलिस को दिए जाने के बाद भी हमला हो जाना और उन्हें मारपीट करने के लिए पूरा समय  दिया जाना बार बार फोन करने  पर भी पुलिस के द्वारा फ़ोन न  उठाया  जाना उसके बाद की पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के बाद  भी थाना शिवराज पुर की पुलिस पर भावी जाँच के लिए भरोसा  कैसे  किया  जाए ?
  • तहसील दार साहब अबकी जाँच करने के लिए आए इसलिए वहाँ हमारे परिवार के लोगों को भी बुलाया गया था |  जाँच करके जैसे ही उनकी गाड़ी चली वैसे ही उन लोगों ने हमारे परिवार के लोगों पर हमला कर दिया  जबकि वे अधिकारी अभी गाँव में ही थे ऐसे में इस हमले को रोके जाने की जरूरत क्यों नहीं समझी गई ?दूसरी बार कोई अधिकारी जॉंच करने आएगा तो हमारे परिवार के लोग वहाँ कैसे खड़े होंगे और यदि नहीं खड़े होंगे तो क्या इस सरकारी रोड पर भूमाफियाओं का दोबारा कब्ज़ा करवा दिया जाएगा | सरकारी संपत्ति की सुरक्षा की प्रशासन की अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं है ? 

 

 

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