Thursday, September 2, 2021

@Uppolice

  @CMOfficeUP  @Uppolice  उस दिन एस डीएम साहिबा  और तहसीलदार साहब बार बार कह रहे थे कि मैंने रोड पर निर्माण करने का कोई निर्णय नहीं किया है किंतु पुलिस कह रही थी कि वो लोग निर्णय कराकर लाए हैं इसलिए निर्माण कर रहे हैं हम उन्हें रोक  नहीं सकते !पुलिस का यह कहना ही  पर हमारे  परिवार पर हमले का कारण बना है पुलिस किस आधार पर ऐसा  कह रही थी जबकि मामला अभी तक एस डीएम साहब के पास बिचारधीन है | 

 @CMOfficeUP  @Uppolice  शिवराजपुर पुलिस के इस रवैये से उत्साहित भूमाफिया  जान से मार न दें इस डर से मेरे परिवार के लोगों को मजबूर होकर उनके साथ समझौता करना पड़ सकता हैक्योंकि जान सभी को प्यारी होती है  किंतु  उचित मंचपर   उठाने के लिए मेरे पास पुलिस के वे  बयान  प्रमाण रूप में संचित हैं जो हमारे परिवार पर हमला कराने में सहायक हुए हैं ! 

 @CMOfficeUP  @Uppolice  हमारे परिवार पर जिस दिन हमला किया गया उस दिन सुबह ही उनकी तैयारियाँ देखकर शिवराजपुर थाने में मैंने स्वयं सूचना दी थी  फिर भी हमला हो गया जब तक वे लोग मारपीट करते रहे तब तक पुलिस के लोगों ने फोन नहीं उठाए आजतक उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की !

@CMOfficeUP  @Uppolice  2013  में सक्षम एवं ईमानदार पुलिस एवं तहसील के अधिकारियों ने यह रोड जिन भूमाफियाओं से जमीन मुक्त कराकर  यह रोड बनवाया था !वर्तमान पुलिस  उन्हीं भूमाफियाओं को उसी रोड पर कब्ज़ा कर लेने दे रही है सरकारी  संपत्ति का बचाव करना पुलिस का अपना कर्तव्य है उसके लिए हमारे परिवार को पार्टी क्यों बना रही है पुलिस ?

        उस समय के सक्षम अधिकारियों के आदेश से बने इस सरकारी रोड को बचाकर  रखने की क्या शिवराजपुर थाने की पुलिस की कोई जिम्मेदारी नहीं है ?

    @CMOfficeUP  @Uppolice सरकार की जमीन पर सरकारी पैसों से बनाए गए  रोड को उखाड़कर दीवार बना लेने वालों  के विरुद्ध कठोर धाराओं में मुकदमा  क्यों नहीं किया गया ?दूसरी ओर उसी रोड को  उखाड़कर अब दीवार बनाई जा रही थी उन भूमाफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही  न   करने का कारण क्या है ?

     @CMOfficeUP  @Uppolice भू माफियाओं के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग  सुबह से ही लाठी डंडा हॉकी आदि लेकर हमला करने की तैयारी में थे मैंने दिल्ली से शिवराज पुर थानाध्यक्ष को फोन किया हल्का इंचार्ज  को फोन किया सीओ साहब को फोन किया सबसे अपने परिवार के लोगों की जान बचाने की भीख माँगी थीफिर भी हमला हो गया ? उतनी देर तक पुलिस ने फोन नहीं उठाया !

उसके बाद भी तहसीलदार साहब गाँव में रहते हुए भी हमारे परिवार के लोगों को कैद करके हमला कर दिया गया सर फटा औरतों के साथ अत्याचार किया गया !

      सीओ साहब एस एच ओ  मैंने बार बार फोन किया किसी ने फोन नहीं उठाया | यहाँ तक कि 112 नंबर डॉयल करने के एक घंटे बाद  पुलिस पहुँची तब तक जो होना था हो गया |  इस सारे प्रकरण में बुरी तरह सम्मिलित रही पुलिस ने हमारे परिवार के पाँच छै लोगों पर सुबह से  हमले के लिए तैयार भूमाफियाओं के तीस तीस चालीस लोगों के द्वारा किए गए हमले को  झगड़ा दिखाने की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी 

              

विधिक कार्यवाही का मतलब डरा धमका कर दोबारा  हमला होने का भय दिखाकर समझौता करने का दबाव बनाना  होता है क्या ?यदि नहीं तो सर फाड़ने वाले दोषी के विरुद्ध शक्त धाराओं में  मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया जिससे उनकी गुंडा गर्दी पर कुछ अंकुश लगता !

काल रिकार्डिंग भी 

समझौता 

करो अन्यथा फिर परिणाम भुगतने को तैयार रहो | पुलिस ने उन हमलावरों से ज्यादा केस

कर

 

सबकुछ जानते हुए भी ठाणे की पुलिस 

     

 

     हमारे परिवार के लोगों  पर

 

 हम लोगों के घर तक आने के लिए जो सरकारी जमीन पर सरकारी रोड बना हुआ है उसे भूमाफियाओं  ने दोनों कोनों पर तोड़ दिया है 

 

@CMOfficeUP और @Uppolice के अजीब से अफ़साने हैं!
यहाँ तीर भी चलाने हैं और परिंदे भी बचाने हैं !! 

इस पर हमारा विनम्र निवेदन : 

परिंदे मत मार देना ये सरकारों ने पाल रखे हैं  | 

अपराधी परिंदों की मदद के बिना सरकारें बनती कहाँ हैं ||

परिंदे  बचा लीजिए हुजूर नहीं वे तुम्हारे तीर छीन सकते हैं | 

 तुम्हारे तीर खाने के लिए  जनता के   सीने कम हैं  क्या ? 

बड़ा अच्छा काम करती है पुलिस चलो परिंदों की चिंता तो है | 

मैं तो समझने लगा था कि घाव इन्हें दिखाई ही देते ||

 

 मुझे भी कानपुर के शिराजपुर थाने कि पुलिस ने  घायल कर रखा है | 

 हमारे रास्ते पे कब्ज़ा कराया हमारा ही सर फड़ाया और हमारे ही खिलाफ केस बना रखा है || 

पुलिस अफसरों को फोन किए लेटर भी लिख रखे हैं | 

कोई सुनवाई न हुई सर फूट गया ऊपर से || 

पुलिस की भी बड़ी मज़बूरी है साहब !

भले लोगों को  तुम जीने नहीं देते बुरे लोग तुम्हें जीने नहीं देते !

  भूमाफियाओं के विरुद्ध योगी ने अभियान चला  रखा है | 

 भूमाफियाओं   ने पुलिस को गुलाम बना रखा है || 

कभी सोचता हूँ हृदय तो@Uppoliceके भी होता होगा !

  अन्यथा हृदय पीड़ा पुलिस को भी होती क्यों है ?

 आखिर हमारे घाव क्यों तुम्हें दिखाई नहीं देते !

 माँ सरस्वती भी तुम पर कृपा करके पछताती तो होगी ||

 

 @Uppolice

आप चाहें तो  मुझे अपना कॉन्टैक्ट नंबर दे दें | 

मुझे भी तो पता लगे सभी सोते ही हैं या कोई जगता  भी है ||

 मैं पीटा गया हूँ  चोट मुझे लगी है अपनी बात कहने का हक़ तो है हुजूर !

तुम नहीं  भी मदद  करोगे मैं तो ही अपना  मन हल्का कर लूँगा ||

मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ कर देना साहब !

सुना है पुलिस से पीड़ित लोग अक्सर कवि  बन जाते हैं | 

सरस्वती कृपा न भी करे तो भी बेबश बेचारे कुछ गुन गुनाने लगते हैं | 

लोग उसे कविता समझते हैं वे अपने दिल का दर्द दोहराने लगते हैं ||




 

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