भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख !
विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
Wednesday, March 20, 2013
सांसदों की समाज सेवा साधना की सर्वमान्य सभा है संसद
संसद में सांसदों को समाज के सामने आदर्श उपस्थित करने चाहिए क्योंकि यह तो समाज सेवा की साधना स्थली है सांसदों के आचरण का असर सारे देश एवं समुदाय पर पड़ता है
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