सुरक्षा की सबसे अधिक जरूरत महिलाओं को ही क्यों पड़ती है यह चिंतन का विषय है समाज में सोने चाँदी हीरा जवाहरात से लेकर संसार की कोई बहुमूल्य से
बहुमूल्य वस्तु ही क्यों न हो उसे कोई ले जाए और अपने घर कैसे भी रखे और
कुछ दिन बाद वापस दे जाए तो कोई समस्या नहीं होती किन्तु स्त्रीरत्न के साथ
ये समस्या है जो किसी परपुरुष का स्पर्श होते ही दूसरे की तो छोड़ो
स्वयं अपने आपको अपनी नजरों से गिरा देती हैं आखिर ऐसा क्यों है?क्योंकि स्त्री रत्नं मनोहरं !!! और
जिन्होंने ऐसा नहीं किया उन्हें सारा समाज ही अपनी नजरों से गिरा देता है
मैं उस समाज की बात कर रहा हूँ जिसमें स्त्री पुरुषों की समान भागीदारी है ।
इसीप्रकार पुरुषों की बराबरी करने के इच्छुक बलात्कार जैसी
इसीप्रकार पुरुषों की बराबरी करने के इच्छुक बलात्कार जैसी
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