Saturday, July 12, 2014

भूख हड़ताल से मुझे कोई लाभ नहीं हुआ : केजरीवाल

    किन्तु लाभ कैसे होता आप दुबले पतले आदमी ठहरे आपको तो खूब खाना चाहिए किसी ने आपको  सलाह ही उलटी दे दी कि आप भूख हड़ताल करो आज के बाद आप ऐसा कभी मत करना ये आपके स्वास्थ्य के लिए हानि कारक है आपको जिसने ऐसी सलाह दी है ये तो किसी उच्चस्तरीय जाँच का विषय हो सकता है कहीं इसमें काँग्रेस और भाजपा वालों की कोई साजिश तो नहीं है आखिर आपको भूखा क्यों रखा गया या आप स्वयं भूखे रहे या आपको भूख ही नहीं लगी जांच इसकी भी होनी चाहिए उससे यह भी पता लग जाएगा कि आपको भूखा रखने में किसी अम्बानी अडानी की कोई साजिश तो नहीं थी राम ! राम !!

    आप अब ऐसा कभी मत करना !राजनीति में तो लोग जाते ही खाने सोने को हैं आप ने देखा नहीं कि संसद में बड़े बड़े लोग कैसे सोते हैं ! राजनीति में तो भूख हड़ताल में भी भोजन का विशेष प्रबंध रखा जाता है ये कोई व्रत थोड़ा है जो एकांत में भी देवता देखते होंगे ! राजनीति तो नजर का खेल है जितना अधिक से अधिक जनता की नजर बचा सकते हो उतना बचाओ बाकी सब कुछ खाओ ,जनता कुछ करते देख न ले बस इतनी सी बात है इसी में सारी  राजनीति छिपी होती है जिन्हें ये फार्मूला जितनी जल्दी समझ में आ गया वे उतनी जल्दी मालामाल हो जाते हैं राजनीति में सबसे बड़ी शत्रु तो जनता ही होती है इससे सतर्क रहो और सब कुछ करो !राजनीति में किया सबकुछ जाता है किन्तु लोगों की आँख बचाकर ! 

      राजनीति में सम्मिलित प्रायः लोग जनता की निगाहों में त्यागी तपस्वी आदि आदि सब कुछ होते हैं किन्तु जब से राजनीति में सम्मिलित हुए थे तब से आज तक की जांच यदि ईमानदारी से हो जाए तो पता ये भी चल जाएगा कि प्रशासन पर से सरकारों का नियंत्रण क्यों घटता जा रहा है या तो पैसा कमवा लो या फिर कानून व्यवस्था ठीक कर लो!

   नेताओं की आय का हिसाब लगा लो तो बिना कुछ किए हुए ,जहाजों पर घूमते हुए सारे सुख भोग भोगते हुए भी करोड़ों अरबों तक पहुंचते देर ही नहीं लगती है ! ये फंड इस प्रकार से बढ़ा कैसे जिस दिन इसका राज खुल जाएगा उसी दिन देश से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा किन्तु ये राज खोलेगा कौन ?ये लाख टके का सवाल है चुनावों के समय सब सबको बेईमान बताते हैं किन्तु चुनावों में जो जीत जाता है वो इतना शरीफ हो जाता है स्पष्ट कह देता है कि हमारी सरकार बदले की भावना से कोई कार्यवाही नहीं करेगी !इस वाक्य से उनको क्लीन चिट मिल जाती है जिन्हें चुनाव प्रचार में चिल्ला चिल्लाकर चोर और भ्रष्टाचारी आदि कहा जाता रहा है समझदारी की बात यही है कि सत्ता भोगने के लिए ही मिलती है इसलिए क्यों किसी से पंगा लेना !मजे की बात ये भी है कि बात बात में मान हानि के मुक़दमे की बात करने वाले नेता इसबात के लिए कभी कोर्ट नहीं जाते कि हमारे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए क्यों गए थे अब जांच कराई जाए !नीति तो यही कहती है कि अभी तक जिस पर करोड़ों के घोटाले के आरोप लगे थे अब आपकी सरकार बन गई तो अब या तो आप उन घोटालों की जांच कराइए और उसका सच जनता के सामने लाइए और या फिर जनता के सामने कह दीजिए कि हीं हीं हीं हमने तो चुनाव जीतने के लिए झूठे आरोप लगाए थे अन्यथा आप पर विश्वास कैसे किया जाए किन्तु ये तो रही नैतिकता की बात अब बात राजनीति की वहां यही सब कुछ चलता है इसलिए केजरीवाल जी !इन  लोगों से आप भी कुछ सीखिए -

 पढ़िए और देखिए संसद की कार्यवाही का हाल सुना है कि सेकंडों के हिसाब से खर्च आता है -

 लोक सभा की नींद का आनंद ही कुछ और है !
खबरदार कोई डिस्टर्ब न करे इस समय बड़े लोग शयन कर रहे हैं !सुना जाता है कि मोदी जी दिन रात काम ले रहे हैं किन्तु ये तो यहीं पोल खोल रहे हैं बाकी का भगवान मालिक !
रात रात  भर जगते रहते इतनी मेहनत इतना काम।
कहाँ भाग्य में बदी सभी के यह संसद सदनी आराम ॥  
मोदी जी का राज सुखद है बहुमत भी है अपने पास।
शीतल मंद सुगंध पवन है अच्छे अवसर का एहसास ॥
मंत्री पद पर हुई प्रतिष्ठा और न है कोई अभिलाष ।
इतने में संतोष हमें है होगा अपने आप विकास ॥
संसद शयन सुरक्षित सुन्दर सुखद स्वप्न के सारे रंग ।
चिंता रहित मस्त यह जीवन संसद में अतुलित आनंद ॥                                                                                                 
-डॉ.एस.एन.वाजपेयी see more....http://snvajpayee.blogspot.in/2014/07/blog-post_11.html

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