Monday, July 28, 2014


'साईं एक समस्या अनेक ' 'ये हैं साईं के साइड इफेक्ट' संस्कारों के संकट से गुजर रहा है समाज !
 "साईं धर्म का सिद्धांत"केवल साईं पूजा कर लेने से मिल जाता है सबका  अपमान करने का लाइसेंस?
    'साईं पूजा के साइड इफेक्ट' हैं -  टूटते परिवार, बिखरता समाज और बर्बाद होते बच्चे !छिन्न भिन्न होतीं शास्त्रीय परम्पराएँ, विभाजित होता धार्मिक see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html

     इस समय समाज में दो चीजें ही  हैं बढ़ रही हैं एक तो भ्रष्टाचार और दूसरा साईं की संपत्ति !क्या इन दोनों के बीच कोई सम्बन्ध है ?कहीं ये 'साईं के साइड इफेक्ट' तो नहीं हैं! see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html



आज घरों से  फेंकी गई  बच्चियाँ कचरे के डिब्बे में पड़ी मिल रही हैं कहाँ पहुँच रहे हैं हम !
      जब साईं पूजा नहीं थी तब कभी सुने जाते थे इतने बलात्कार !पाँच पाँच वर्ष की कन्याओं के साथ दुराचार! बच्चियों के साथ एक से एक जघन्यतम अत्याचार ,ये साईं बाबाओं को भगवान बनाने का ही दुष्परिणाम है!see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html



संस्कृत विद्यालयों के छात्रों ने पढ़ने में रूचि कम कर दी है वो सोचने लगे हैं कि क्या करना है पढ़ लिख कर जब बिना पढ़े लिखे लोग  भी साईं को दिखाकर खूब   कमाई कर रहे हैं !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html





    सुना है कि साईं के समर्थन में लाबिंग करने करवाने के लिए बाबाओं और पंडितों को खरीदा जाएगा वो लोग साईं का पक्ष ले लेकर लड़ेंगे सनातन धर्मियों से !साईं वाले ये सारा खेल पैसे के बल पर कराएँगे और खुद दूर बैठकर देखेंगे और हँसेंगे !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html

अबकी गुरुपूर्णिमा के दिन चढ़ावे के नाम पर चंदा इकठ्ठा करके मोटा फंड जुटाया गया है !सुना जा रहा है कि ये सूचना बाबाओं एवं पंडितों के पास भी भेजी जा रही है कि वो शिर्डी आवें और साईं को सनातन धर्म का अंग बताते हुए साईं को भगवान मान कर पूजा करने की वकालत मीडिया के सामने करें !इसके बाद पेमेंट लें अपने घर जाएँ !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html




साईं के यहाँ विधि निषेध का विधान न होने से समाज में बढ़ रहा है अपराध !
लव के लिए लबाते जवान लड़के लड़कियाँ , खुला नंगपन बेचने  वाले कुछ अभिनेता अभिनेत्रियाँ, मॉडलिंग  की दुनियाँ से जुड़े अधिकाँश लोग,इसी प्रकार से और भी ऐसे वैसे लोग साईं संप्रदाय से ही जुड़ना अधिक पसंद कर रहे हैं !क्योंकि साईं के यहाँ विधि निषेध करने वाला कोई शास्त्र न होने स्वेच्छाचारी लोगों को वहाँ सुविधा रहती है  क्योंकि वहाँ गलत काम करने वालों को रोका नहीं जाता है आखिर किस नियम का हवाला दिया जाएगा किसी को !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html

साईं संप्रदाय का उद्देश्य धर्म का व्यापारीकरण-
      साईं का सम्पूर्ण कारोबार धार्मिक लोगों के आधीन न होकर व्यापारियों के आधीन है वहाँ सारी ऊर्जा अधिक से अधिक धन इकठ्ठा करके सनातन धर्म में घुसपैठ करने पर लगाई जाती है। इसलिए वहाँ धर्म का कोई वातावरण ही नहीं है साईं संप्रदाय विशुद्ध रूप से धर्म के व्यापारीकरण पर टिका हुआ हैsee more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html


आखिर साईं संप्रदाय के लोगों ने शंकराचार्य जी को टी.वी. चैनलों पर बैठकर गालियाँ क्यों दी हैं ?उनसे माफी माँगने के लिए क्यों कहा है !वो लोग ये कैसे भूल गए कि शंकराचार्य जी को सनातन धर्म में क्या गौरव हासिल है !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html

   सनातन धर्म के मंदिरों , मूर्तियों ,पूजा पद्धतियों को करप्ट करने वाले  साईं नाम के वायरस से सनातन धर्मियों को सावधान करना शंकराचार्य जी की शास्त्रीय जिम्मेदारी है वही वो कर रहे हैं ! वो कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html


शंकराचार्य जी ने इस घुसपैठ का विरोध क्या कर दिया साईंयों ने उन्हें गालियाँ देनी शुरू कर दीं , रैलियाँ निकालने लगे,केस करने लगे मीडिया को पैसे देकर साईं समर्थन में धर्म संसदें आयोजित कराने  लगे !कुल मिलाकर ये लोग तो एक दम पागल हो उठे see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_1841.html













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