भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
Wednesday, October 17, 2012
Arthashastra ka Anarth
लंबे समय तक सत्ता में रहने के बाद भी समाज की समस्याएँ तो कम नहीं ही हुईं अपितु भ्रष्टाचार महॅंगाई आदि चर्म सीमा तक बढ़ी।इस प्रकार की दुर्व्यवस्थाओं के वाब्जूद बिना किसी क्षमा याचना या बिना कोई प्रायश्चित्त किए पुनः सत्ता की भीख मॉंगते घूमना कितना उचित है ?आखिर जनता को मूर्ख क्यों समझा जा रहा है? गैस बिजलीबिल आदि और भी जीवनोपयोगी चीजों की महॅंगाई आम आदमी कैसे सहे ? कैसे बच्चों का पालन पोषण करे, कैसे उन्हें पढ़ावे लिखावे ?कैसे कन्याओं के शादी संबंध करे ? प्रधानमंत्री, जी भूख तो समय से लगती है।
महत्त्वपूर्ण अवसरों पर मौन या तटस्थ रहना एवं अपने दायित्व का सम्यक निर्वाह न कर पाना भी पाप की श्रेणी में गिना जाता है।घोटाले, भ्रष्टाचार क्या कुछ बाकी रहा आपके शासन में ? मंत्रियों ने भी लूटने में कसर नहीं छोड़ी है।जॉंच होगी वे जेल जाएँगे उससे क्या होता है?घर वालों के लिए कमा कर रख दिया है उन्हें वहॉं खाने को मिलेगा ही जॉंच तो जनता का मुख बंद करने के लिए होती है। इससे ज्यादा तो कभी कुछ दिखा नहीं।
राम राम ।
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