भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
Wednesday, October 17, 2012
Balkrishan ki digree
बाबा जी के सहयोगी फर्जी डिग्री मामले में आरोपी बड़बोले वैद्य की आयुर्वेदिक बहादुरी का यदि कहीं कोई साइड इफेक्ट हुआ ही हो तो उसका जिम्मेदार सरकार के अलावा और कौन है ? फर्जी डिग्रियों की चर्चा करते समय एक विशेष बात यह ध्यान देनी चाहिए कि बालकृष्ण को निशाना बनाकर कार्यवाही ठीक नहीं है। फर्जी डिग्रियों वाले सभी व्यक्तियों को लक्ष्य बनाकर यदि कार्यवाही की जाए तो उचित ही नहीं आवश्यक भी है। सरकार की निष्पक्षता भी तभी प्रकट होगी।
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