भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
Tuesday, October 30, 2012
Railway Ka Rona Dhona
जिस घर का मालिक अवारा या लापरवाह होगा वहॉं घाटे के अलावा और कोई कल्पना करनी भी नहीं चाहिए।ऐसे लोगों
का न तो कोई व्यापार चलता है और न ही घर में आया हुआ पैसा ही टिकता
है।बरक्कत कैसे हो?
इस विषय में सरकार से निराश मैं समाज को याद दिलाना चाहता हूँ कि रेलवे की रिजर्वेशन कोच की प्रायः यह स्थिति ही होती है कि जिस सरकार के रेलवे मंत्रालय के विभाग का टी. टी. उन यात्रियों को एडजेस्ट करके बैठने की सलाह दे रहा होता है जिन्होंने कई कई महीनें पहले रिजर्वेशन केवल इस लालच में कराए होते हैं कि हम पत्नी एवं छोटे छोटे बच्चे लेकर जाएँगे जिससे दिक्कत न हो किंतु ट्रेन के रिजर्वेशन कोच में घुसने में इतनी मारा मारी हो रही होती है कि सामान लेकर अंदर पहुँच पाना अत्यंत कठिन होता है।
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