Saturday, December 1, 2012

गॉंधी जी के तीन बंदर और भ्रष्टाचार।।

            गॉंधी जी के तीन बंदर  और  भ्रष्टाचार
                                        

बुरा   न  कहिए   बुरा   न  सुनिए  बुरा   न देखो मित्र।
करो   भलाई  सदा  सभी  की   जीवन   रखो  पवित्र  ।।
पत्रकार   भैया   एक   बोले   मन   की   बात   बताऊँ ।
सीख  बंदरों  की  यदि मानूँ  तो  खबर कहॉं से  लाऊँ ।।
अच्छा अच्छा कहूँ सभी को प्रवचन है वह न्यूज नहीं।
अच्छा  सुनने  से  जनता  के  आते  पूरे  ब्यूज   नहीं।।
कहूँ  किस  तरह  मॅहगाई  को  सुंदर  सुंदर  भ्रष्टाचार।
सुनूँ  कहॉं  पर  खुशहाली  के  सुंदर सुंदर रागमल्हार।।
अमनचैन किस चिड़ियाघर में देखें जाकर सुंदर सीन।
झूठ बोलना क्यों   सिखलाते गॉंधी जी के बंदर तीन।।
सरकारों  से  मिले  लग  रहे  बापू  जी  के  बंदर यार ।
पोल खोलना खबर दिखाना इनको लगता भ्रष्टाचार।।
कहो  बंदरों  से  चुप  बैठो  स्टिंग  कर  देंगे हम लोग।
झूठ   गवाही   झूठ   सफाई   देते  घूमोगे  तुम  लोग।।

                        सुरभी ,कुमुद ,श्रींदु शेखर   वाजपेयी 

राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध  संस्थान की अपील 

   यदि किसी को केवल रामायण ही नहीं अपितु  ज्योतिष वास्तु धर्मशास्त्र आदि समस्त भारतीय  प्राचीन विद्याओं सहित  शास्त्र के किसी भी नीतिगत  पक्ष पर संदेह या शंका हो या कोई जानकारी  लेना चाह रहे हों।शास्त्रीय विषय में यदि किसी प्रकार के सामाजिक भ्रम के शिकार हों तो हमारा संस्थान आपके प्रश्नों का स्वागत करता है ।

     यदि ऐसे किसी भी प्रश्न का आप शास्त्र प्रमाणित उत्तर जानना चाहते हों या हमारे विचारों से सहमत हों या धार्मिक जगत से अंध विश्वास हटाना चाहते हों या राजनैतिक जगत से धार्मिक अंध विश्वास हटाना चाहते हों तथा धार्मिक अपराधों से मुक्त भारत बनाने एवं स्वस्थ समाज बनाने के लिए  हमारे राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोध संस्थान के कार्यक्रमों में सहभागी बनना चाहते हों तो हमारा संस्थान आपके सभी शास्त्रीय प्रश्नोंका स्वागत करता है एवं आपका  तन , मन, धन आदि सभी प्रकार से संस्थान के साथ जुड़ने का आह्वान करता है। 

       सामान्य रूप से जिसके लिए हमारे संस्थान की सदस्यता लेने का प्रावधान  है।


 

   

No comments:

Post a Comment