सत्तासीनपार्टी कीअधिष्ठात्रीदेवीकीआत्माकीआवाज !
केवल प्रधान मंत्री बनते समय सत्तासीन
पार्टी की अधिष्ठात्री देवी की आत्मा ने उन्हें रोका था बस एकबार!इसके बाद
चाहे जितने घोटाले हुए हों या महँगाई किन्तु उस आत्मा ने फिर कभी आवाज नहीं
लगाई! इतनी कठोर, अंधी, बहरी या संबेदन हीन आत्मा!देश महँगाई से मर रहा है हर कोई आहें भर रहा है।काश! कभी गरीबों की रसोई में भी झाँक लेती वह आत्मा ! दामाद पर भूमि घोटाले के आरोप लगे तो भी न कोई बात न कोई सफाई उसी आत्मा की ये ढिठाई !बधाई हो ऐसी आत्मा को!एक समय त्याग बलिदान की बड़ी बड़ी बातें तो दूसरी ओर ऐसे कृत्य!राम!राम!!
आखिर क्या जरूरत थी यह कहने की कि कांग्रेस का हाथ गरीब के साथ ? ये नारा जो छलावा लगता है आखिर किस चीज में गरीब के साथ जीने में,
मरने में या घोटाला करने में?
आज
की महॅंगाई में जीना कितना दूभर हो गया है। आखिर गरीबों के बारे में कौन
सोचेगा ? पति पत्नी के साथ दो बच्चों का पालन कितना कठिन हो गया है।आम आदमी
मुश्किल से डेढ़ दो सौ रूपए रोज कमा पाता है उसमें कैसे व्यवस्थित किया जाए
परिवार?
आटा, दाल, चावल, सब्जी, दूध,
गैस,दवा,शिक्षा आदि वो सारी चीजें महॅंगी हो गई हैं।जिनके बिना रह पाना
कठिन ही नहीं असंभव भी है।इन्हें शौक शान की चीजें नहीं कहा जा सकता।आप
बिलासिता संबंधी चीजों को बेशक महॅंगी होने दें जिसे दिक्कत होगी वो उन
चीजों का उपयोग नहीं करेगा किंतु आवश्यकता संबंधी चीजों का ध्यान तो रखा ही
जाना चाहिए था।
कांग्रेस को कोसना हमारी
मजबूरी है जो दल सत्ता में है यदि अच्छी बात का श्रेय वो अपने दल और अपनी
सरकार को देता है तो बुरी बात का अपयश भी उसी सरकार को भोगना पड़ेगा।एक दिन
पार्क में बैठ कर कुछ लोग सरकारी नीतियों पर बहस कर रहे थे तो एक बूढ़े
बापू वहॉं बैठे थे उन्होंने बीच में बोलते हुए कहा कि सरकार अबकी बडे़
बलात्कार कर रही है।किसी ने कहा सरकार क्यों कर रही है?इसपर उन्होंने जवाब
दिया कि जब अच्छे कामों का श्रेय सरकार लेती है तो बुरे काम भी उसी के खाते
में जाएँगे।
वैसे भी चोरी लूट पाट आदि इस
तरह के जितने भी अपराध हैं वो सब अपराधी तो अपना फायदा सोच कर ही करता
है।उससे हानि तो आम जनता की ही होती है। जिसकी रक्षा करना सरकार का काम
है।
सरकारी लोगों को या तो सरकार चलाना
नहीं आ रहा है या फिर अपराधियों को सरकारों का भय नहीं रहा है या फिर
सरकारों के समर्थन से वे अपराध में प्रवृत्त हुए हैं जहाँ कानून मंत्रालय
के भ्रष्टाचार के आरोप विदेश मंत्रालय से धोए जाते हों वहाँ सब कुछ संभव है
।
यह तो सरकार ही जान सकती है या
फिर पता लगा सकती है।आम आदमी तो रो ही सकता है सरकार कोई आवे जिसकी सत्ता
उससे शिकायत इससे अधिक और किया भी क्या जा सकता है?
राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान की अपील
यदि
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केवल रामायण ही नहीं अपितु ज्योतिष वास्तु धर्मशास्त्र आदि समस्त भारतीय
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जानकारी लेना चाह रहे हों।शास्त्रीय विषय में यदि किसी प्रकार के सामाजिक
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