Monday, November 19, 2012

मंगली दोष क्या होता है ?

                             मंगली दोषः-

 

    यह लगभग सभी को पता है कि 1, 4, 7, 8, 12 वें स्थान में मंगल के बैठने से मंगली योग होता है।
इसके परिहार भी शास्त्रों में कहे गए हैं परिहार का अर्थ होता है कि ग्रहों के ऐसे संयोग जिससे मंगली दोष घटता या समाप्त होता है। जैसे मंगल के साथ शनि या कोई अन्य पापग्रह होने से, सप्तमेश प्रबल होने से, केन्द्र में शुभ ग्रह होने से, संबंधित जीवन साथी की कुंडली में उत्तम आयु के योग होने से मंगली दोष का परिहार होता है, अर्थात् यह दोष कम हो जाता है।
विशेषः

 एक बात याद रखिए जैसे- धागा टूटने के बाद जुड़ तो जाता है किन्तु गाँठ पड़ी रहती है जिसके कभी भी खुल जाने की संभावना रहती है।

 दूसरा उदाहरण जैसेः बिना पुल वाली कोई खुली नाली पर से गाड़ी पार करनी आवश्यक हो तो उसके ऊपर लकड़ी का पट्टा आदि डालकर गाड़ी निकालने की संभावना बनाई जा सकती है, किंतु पट्टे से फिसल कर गाड़ी फँस भी सकती है। इसके लिए तैयार रहना चाहिए। इसी प्रकार परिहार समझना चाहिए। इसलिए परिहार का उपयोग बड़ी सावधानी पूर्वक ज्योतिष शास्त्र के मर्मज्ञ विद्वान के तत्वावधान में करना चाहिए योग्य विद्वान कौन है?इसकी एक ही परिभाषा है या तो उसके विषय में आपका अनुभव सटीक हो अथवा उसने किसी प्रमाणित विश्वविद्यालय से ज्योतिष शास्त्र में प्रमाणित डिग्री हासिल की हो।
उपायः कुंभ विवाह, पिप्पल विवाह आदि शास्त्रीय विधान कन्याओं के मंगली दोष के लिए हैं जिन्हें करने से आजीवन सकुशल वैवाहिक जीवन रहता है ऐसी शास्त्र मान्यता है।
नोटः कुछ लोगों ने एक ड्रामा फैलाया है कि 28 वर्ष या कुछ कम ज्यादा आयु होने पर मंगली दोष नहीं रहता। मेरा विनम्र निवेदन है कि इस प्रकार की बकवास पूरी तरह मन गढ़ंत है, और इसके पीछे का सच यह हो सकता है कि यदि 28 वर्ष तक शादी नहीं कर सके तो ऐसे ही धक्का दे दो आगे जो होगा सो देखा जाएगा ।

राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध  संस्थान की अपील 

  संपर्क सूत्र -डॉ.एस.एन.वाजपेयी, 09811226973

  यदि किसी को केवल रामायण ही नहीं अपितु  ज्योतिष वास्तु धर्मशास्त्र आदि समस्त भारतीय  प्राचीन विद्याओं सहित  शास्त्र के किसी भी नीतिगत  पक्ष पर संदेह या शंका हो या कोई जानकारी  लेना चाह रहे हों।शास्त्रीय विषय में यदि किसी प्रकार के सामाजिक भ्रम के शिकार हों तो हमारा संस्थान आपके प्रश्नों का स्वागत करता है ।

     यदि ऐसे किसी भी प्रश्न का आप शास्त्र प्रमाणित उत्तर जानना चाहते हों या हमारे विचारों से सहमत हों या धार्मिक जगत से अंध विश्वास हटाना चाहते हों या राजनैतिक जगत से धार्मिक अंध विश्वास हटाना चाहते हों तथा धार्मिक अपराधों से मुक्त भारत बनाने एवं स्वस्थ समाज बनाने के लिए  हमारे राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोध संस्थान के कार्यक्रमों में सहभागी बनना चाहते हों तो हमारा संस्थान आपके सभी शास्त्रीय प्रश्नोंका स्वागत करता है एवं आपका  तन , मन, धन आदि सभी प्रकार से संस्थान के साथ जुड़ने का आह्वान करता है। 

       सामान्य रूप से जिसके लिए हमारे संस्थान की सदस्यता लेने का प्रावधान  है।




No comments:

Post a Comment